भारत में महिलाओं की भागीदारी हर क्षेत्र में लगातार बढ़ रही है। अब देश की आंतरिक सुरक्षा के मोर्चे पर भी महिलाएं अपनी मजबूत मौजूदगी दर्ज कराने जा रही हैं। केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआइएसएफ) ने विशेष आतंकवाद-रोधी अभियानों के लिए महिलाओं की एक कमांडो टीम बनाने का निर्णय लिया है। यह कदम न केवल महिला सशक्तिकरण की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा, बल्कि देश की सुरक्षा व्यवस्था को भी और अधिक सुदृढ़ बनाएगा।
सीआइएसएफ द्वारा नागरिक हवाईअड्डों की सुरक्षा संभालने वाले विमानन सुरक्षा समूह (एएसजी) में तैनात 100 महिला कर्मियों के पहले दल को इस विशेष मिशन के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इन महिला कमांडो को आतंकवाद-रोधी अभियानों, बंधक-राहत अभियानों और आपातकालीन हालात से निपटने के लिए तैयार किया जाएगा। प्रशिक्षण में हथियारों के संचालन, शारीरिक मजबूती, मानसिक संतुलन और त्वरित कार्रवाई की कला पर विशेष जोर दिया जाएगा।
सीआइएसएफ, जो गृह मंत्रालय के अधीन कार्यरत एक केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल है, वर्तमान में लगभग 12,491 महिला कर्मियों को अपने साथ जोड़े हुए है। यह संख्या बल की कुल संख्या का करीब 8% है। हालांकि यह प्रतिशत अभी कम है, लेकिन धीरे-धीरे महिलाओं की भागीदारी बढ़ने से यह अनुपात भविष्य में और मजबूत होगा। महिलाओं की उपस्थिति से बल की कार्यक्षमता में विविधता आएगी और संवेदनशील हालात में संतुलित एव प्रभावी कार्रवाई संभव हो सकेगी।
आज के समय में हवाईअड्डे आतंकवादियों के लिए संवेदनशील लक्ष्य माने जाते हैं। यात्रियों की भारी भीड़, अंतरराष्ट्रीय आवागमन और सुरक्षा से जुड़े खतरे इस क्षेत्र को अत्यधिक महत्वपूर्ण बनाता है। महिला कमांडो टीम की मौजूदगी से न केवल यात्रियों को अतिरिक्त सुरक्षा का भरोसा मिलेगा, बल्कि संभावित आतंकवादी गतिविधियों पर भी अंकुश लगेगा। महिलाएं अपने संयम, सतर्कता और त्वरित निर्णय क्षमता से विशेष परिस्थितियों को प्रभावी ढंग से संभाल सकती हैं।
यह पहल केवल सुरक्षा को मजबूत करने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह महिला सशक्तिकरण का भी प्रतीक है। भारतीय समाज में महिलाएं पहले से ही सेना, पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियों में अपनी क्षमता साबित कर रही हैं। अब जब सीआइएसएफ ने महिलाओं को आतंकवाद-रोधी अभियानों जैसे चुनौतीपूर्ण क्षेत्र में उतारने का निर्णय लिया है, तो यह संदेश और स्पष्ट हो गया है कि महिलाएं किसी भी स्तर पर पुरुषों से पीछे नहीं हैं।
सीआइएसएफ में महिला कमांडो टीम का गठन भारतीय सुरक्षा तंत्र को एक नई ऊंचाई देगा। यह कदम जहां नागरिकों की सुरक्षा को मजबूत करेगा, वहीं महिलाओं के आत्मविश्वास और सम्मान को भी नई दिशा प्रदान करेगा।
