अमेरिका का नया वीजा नियम - भारतीय प्रवासी परिवारों के बच्चों के लिए बढ़ेगी मुश्किलें

Jitendra Kumar Sinha
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अमेरिका में लंबे समय से ग्रीन कार्ड का इंतजार कर रहे हजारों भारतीय प्रवासी परिवारों के लिए हाल ही में एक नई मुश्किल सामने आई है। अमेरिकी नागरिकता एवं आव्रजन सेवा (USCIS) ने चाइल्ड स्टेटस प्रोटेक्शन एक्ट (CSPA) के तहत बच्चों की उम्र गिनने के नियमों में बदलाव कर दिया है। इस बदलाव से उन बच्चों के लिए खतरा बढ़ गया है जो अपने माता-पिता के साथ अमेरिका में वर्षों से रह रहे हैं, लेकिन ग्रीन कार्ड की लंबी कतार में फंसे हुए हैं।

पहले USCIS बच्चों की उम्र तय करने के लिए "Dates for Filing" नामक सूची का इस्तेमाल करता था। इस सूची के आधार पर उम्र गिनने से कई बच्चों को लाभ मिल जाता था, क्योंकि इसमें तारीखें आगे की होती थीं और बच्चे "21 साल की सीमा" पार करने से पहले ही पात्र माने जाते थे। लेकिन अब USCIS ने फैसला किया है कि उम्र गिनने के लिए केवल "Final Action Dates" चार्ट का उपयोग किया जाएगा। यह चार्ट अमेरिकी सरकार हर महीने जारी करती है और इसमें बताया जाता है कि किस तारीख तक के आवेदन पर ग्रीन कार्ड जारी किए जा सकते हैं। चूंकि इस चार्ट में तारीखें अक्सर काफी पीछे होती हैं, इसलिए बच्चे आसानी से 21 साल की उम्र पार कर सकते हैं और ग्रीन कार्ड का अधिकार खो सकते हैं।

इस बदलाव का सबसे बड़ा असर उन भारतीय परिवारों पर पड़ेगा जो अमेरिका में H-1B या अन्य वर्क वीजा पर काम कर रहे हैं। इन परिवारों के माता-पिता कई साल, कभी-कभी 10-20 साल तक, ग्रीन कार्ड के लिए इंतजार करते रहते हैं। इस दौरान उनके बच्चों की उम्र बढ़ती जाती है, और 21 साल पूरा होते ही वे "निर्भर" (dependent) की श्रेणी से बाहर हो जाते हैं। इसका मतलब है कि उन्हें फिर से छात्र वीजा (F-1) या अन्य वर्क वीजा के लिए आवेदन करना पड़ता है, जो महंगा और अस्थिर विकल्प है।

भारतीय प्रवासी अमेरिका की तकनीकी, मेडिकल और इंजीनियरिंग क्षेत्रों में अहम भूमिका निभाते हैं। लेकिन ग्रीन कार्ड की सीमा (country cap) और पुराने बैकलॉग के कारण भारतीय आवेदकों को अक्सर दशकों तक इंतजार करना पड़ता है। इस इंतजार के दौरान बच्चों का 21 साल की उम्र पार कर जाना "एज आउट" कहलाता है, और इसका नतीजा यह होता है कि पूरा परिवार एक साथ स्थायी नागरिकता हासिल नहीं कर पाता। नए नियम से यह समस्या और गंभीर हो गई है क्योंकि अब उम्र की गणना के लिए ज्यादा सख्त मानदंड अपनाए जाएंगे।

इस बदलाव के कारण कई भारतीय परिवार गहरी चिंता में हैं। कुछ माता-पिता का कहना है कि वे अपने बच्चों को अमेरिका में स्थायी रूप से स्थापित करना चाहते थे, लेकिन अब उन्हें डर है कि उनके बच्चे कॉलेज की पढ़ाई पूरी करने से पहले ही वीजा संकट में फंस सकते हैं। कई आप्रवासन वकीलों और समुदाय संगठनों ने इस नियम की आलोचना की है और इसे वापस लेने की मांग की है। उनका कहना है कि यह बदलाव उन परिवारों के लिए अनुचित है जो पहले से ही लंबी प्रतीक्षा सूची का बोझ झेल रहे हैं।

अमेरिका का नया वीजा नियम भारतीय प्रवासी परिवारों के लिए बड़ा झटका है। यह बदलाव न केवल बच्चों के भविष्य पर सवाल खड़ा करता है, बल्कि उन सपनों को भी तोड़ सकता है जो माता-पिता ने दशकों से देखे हैं। 



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