डेंगू का बढ़ता खतरा - राज्य में 2016 बेड आरक्षित - सावधानी ही बचाव

Jitendra Kumar Sinha
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बरसात का मौसम आते ही डेंगू के मामलों में तेजी देखा जाता है। मच्छरों से फैलने वाली यह बीमारी हर साल सैकड़ों लोगों को अपनी चपेट में ले लेती है। इसी को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने राज्यभर के अस्पतालों में 2016 बेड डेंगू मरीजों के लिए आरक्षित किया है। साथ ही जिलों को यह भी निर्देश दिया गया है कि अस्पतालों में डेंगू जांच किट और दवाओं की पर्याप्त व्यवस्था हर हाल में सुनिश्चित की जाय।

राजधानी पटना में डेंगू के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है। ताजा रिपोर्ट के अनुसार, केवल एक दिन में 12 नए मरीज सामने आया है। अगस्त महीना में अब तक 135 लोग डेंगू से पीड़ित पाए गए हैं। स्थिति चिंताजनक है क्योंकि कई मोहल्लों में एक साथ कई मामले मिल रहे हैं। उदाहरण के लिए, मुसल्लहपुर और महेंद्रू क्षेत्र में तीन-तीन मरीजों की पुष्टि हुई है। वहीं उत्तरी एसके पुरी, संदलपुर, काजीपुर, रामपुर, नेपाली नगर और इंद्रपुरी जैसे इलाकों में भी मरीज मिले हैं।

पिछले सालों के आंकड़े बताते हैं कि सितंबर से नवंबर तक डेंगू का प्रकोप अपने चरम पर रहता है। इसी वजह से विभाग ने पहले से ही तैयारी शुरू कर दी है। सभी जिलों से रिपोर्ट मंगाई गई है और आवश्यक इंतजाम किया जा रहा है। प्रभावित क्षेत्रों में एंटी-लार्वा का छिड़काव किया जा रहा है ताकि मच्छरों के प्रजनन को रोका जा सके।

डेंगू मुख्यतः एडीज एजिप्टी मच्छर के काटने से फैलता है। यह मच्छर गंदे पानी में नहीं बल्कि स्वच्छ और जमा पानी में पनपता है। बरसात के मौसम में गमलों, टायर, बाल्टी और छतों पर जमा पानी इसके लिए उपयुक्त जगह बन जाता है। इसलिए जलजमाव ही इस बीमारी की सबसे बड़ी वजह है।

डेंगू से बचाव के उपाय है आसपास पानी जमा न होने दें। घर में कूलर, गमले और टंकी की नियमित सफाई करें। शरीर को ढककर रखें और मच्छरदानी का प्रयोग करें। एंटी-मॉस्किटो क्रीम का इस्तेमाल करें। बुखार, सिरदर्द, बदन दर्द और आंखों में दर्द जैसे लक्षण दिखते ही जांच कराएं।

डेंगू एक ऐसी बीमारी है जो थोड़ी सी लापरवाही से गंभीर रूप ले सकता है। इस समय जरूरी है कि लोग खुद भी सतर्क रहें और प्रशासन द्वारा किए जा रहे इंतजामों में सहयोग करें। यदि हर नागरिक अपने घर और आसपास सफाई रखे और पानी न जमा होने दे, तो डेंगू के खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है।



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