अहमदाबाद के हंसलपुर में एक ऐतिहासिक पल दर्ज हुआ, जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मारुति सुजुकी के पहले इलेक्ट्रिक वाहन ई-विटारा को हरी झंडी दिखाकर लॉन्च किया। यह केवल एक कार का शुभारंभ नहीं था, बल्कि भारत की तकनीकी और औद्योगिक आत्मनिर्भरता का प्रतीक भी है। पीएम मोदी ने घोषणा की है कि आने वाले समय में भारत में बने ई-वाहनों का निर्यात 100 देशों तक किया जाएगा। यह कदम न केवल देश की ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री के लिए बल्कि हरित ऊर्जा और टिकाऊ विकास के लिए भी मील का पत्थर साबित होगा।
प्रधानमंत्री ने कहा है कि अब समय आ गया है जब पूरी दुनिया भारतीय निर्माण क्षमता को महसूस करेगी। आने वाले वर्षों में भारत में निर्मित इलेक्ट्रिक गाड़ियाँ विदेशी सड़कों पर दौड़ेंगी और "मेड इन इंडिया" की पहचान को और मजबूत बनाएँगी। ई-विटारा जैसे आधुनिक और पर्यावरण अनुकूल वाहनों से भारत न केवल घरेलू जरूरतें पूरी करेगा बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी प्रतिस्पर्धा करेगा।
पीएम मोदी ने अपने भाषण में स्पष्ट किया है कि भारत का लक्ष्य केवल वाहनों का निर्माण करना नहीं है, बल्कि 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाना है। इस संकल्प में ई-वाहनों की बड़ी भूमिका होगी।
आज दुनिया कार्बन उत्सर्जन कम करने और प्रदूषण घटाने पर जोर दे रही है। ऐसे में भारत के पास अवसर है कि वह इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग में अग्रणी बनकर वैश्विक नेतृत्व करे।
ई-वाहनों का बढ़ता चलन न केवल फ्यूल इंपोर्ट पर निर्भरता घटाएगा बल्कि लोगों को किफायती और स्वच्छ विकल्प भी देगा। पर्यावरणीय लाभ होगा कि पेट्रोल-डीजल से होने वाला प्रदूषण घटेगा। आर्थिक लाभ होगा कि भारत का विदेशी मुद्रा भंडार सुरक्षित रहेगा और रोजगार के नए अवसर पैदा होगे। दुनिया में भारत की पहचान हरित प्रौद्योगिकी के रूप में बनेगी।
हंसलपुर संयंत्र से शुरुआत होना इस बात का संकेत है कि गुजरात आने वाले वर्षों में इलेक्ट्रिक वाहन विनिर्माण का प्रमुख केंद्र बनेगा। यहाँ से न केवल भारत की सड़कों पर बल्कि विदेशी बाजारों में भी भारतीय ई-वाहन पहुंचेंगा।
मारुति सुजुकी का ई-विटारा भारत की औद्योगिक क्षमता और नवाचार का बेहतरीन उदाहरण है। प्रधानमंत्री मोदी ने इसे देश की भावी पीढ़ियों के लिए "स्वदेशी आंदोलन" का हिस्सा बताते हुए लोगों से अपील की है कि वे इस बदलाव को अपनाएँ।
भारत आज जिस राह पर आगे बढ़ रहा है, वह केवल तकनीक की नहीं बल्कि स्वच्छ ऊर्जा, आत्मनिर्भरता और वैश्विक नेतृत्व की राह है। ई-विटारा का लॉन्च और 100 देशों में निर्यात की योजना यह साबित करती है कि आने वाला समय भारत के ई-वाहनों का होगा।
भारत अब केवल वाहन बनाने वाला देश नहीं रहेगा, बल्कि इलेक्ट्रिक वाहनों का वैश्विक निर्यातक और तकनीकी लीडर बनेगा। "मेड इन इंडिया" की यह नई पहचान भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने के सपने को साकार करने में अहम भूमिका निभाएगी।
