पिज्जा-बर्गर का खुला असली सच - एफएसएसएआई की छापेमारी में मिलावटखोरी

Jitendra Kumar Sinha
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आज के दौर में बाहर का खाना, खासकर पिज्जा-बर्गर, युवाओं और बच्चों की पहली पसंद बन चुका है। लेकिन हाल ही में भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) की छापेमारी ने खाने-पीने की इन चीजों का असली चेहरा उजागर कर दिया है। रिपोर्ट के अनुसार, देशभर में कई बड़े और नामचीन ब्रांड्स के खाद्य पदार्थ फूड सेफ्टी के पैमानों पर फेल पाए गए हैं।

छापेमारी में सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि कई रसोइयों में एक ही तेल को बार-बार गरम कर खाना तला जा रहा था। इतना ही नहीं, कई बड़े बर्गर ब्रांड्स में इस्तेमाल होने वाली मेयोनीज में खतरनाक बैक्टीरिया पाए गए, जबकि पिज्जा ब्रांड्स की सॉस में नॉन-फूड ग्रेड केमिकल्स का इस्तेमाल किया जा रहा था।

फ्रेंच फ्राइज को और ज्यादा आकर्षक दिखाने के लिए उनमें आर्टिफिशियल कलर्स का प्रयोग हो रहा था। वहीं, बिरियानी जैसे लोकप्रिय पकवानों में भी अत्यधिक मात्रा में कृत्रिम रंग और फ्लेवर डाले जा रहे थे। ये चीजें न सिर्फ खाने की गुणवत्ता को बिगाड़ती हैं बल्कि लंबे समय में सेहत पर बेहद बुरा असर डालती हैं।

जांच के दौरान मोमोज बनाने में गंदे पानी का इस्तेमाल पकड़ा गया। कई जगह हाइजीन लेवल पूरी तरह फेल पाए गए। इससे साफ है कि लोग जिस स्वाद और ब्रांड के भरोसे इन चीजों को खाते हैं, वह असल में सेहत को धीरे-धीरे जहर दे रहा है।

एफएसएसएआई की टीम ने जब 10 बड़े ब्रांड्स की जांच की तो 36 सैंपल फूड सेफ्टी टेस्ट में फेल पाए गए। यह आंकड़ा बताता है कि बाहर मिलने वाला खाना कितना असुरक्षित है। सोचिए, अगर पूरे देश में इसी तरह की छापेमारी हो, तो न जाने कितने और ब्रांड्स पकड़े जाएंगे।

इस तरह का मिलावटी और खराब खाना खाने से लोगों को फूड पॉयजनिंग, गैस, एसिडिटी, पेट दर्द और गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। लगातार सेवन करने पर यह लिवर और किडनी पर बुरा असर डाल सकता है। खासकर बच्चे और बुजुर्ग इसके शिकार जल्दी हो सकते हैं।

घर का बना खाना खाना चाहिए, बाहर की चीजों पर निर्भरता कम करना चाहिए। लोकल ठेलों और संदिग्ध दुकानों से बचना चाहिए जहां साफ-सफाई का ध्यान न रखा जाता हो। ब्रांड पर अंधा भरोसा न करना चाहिए नामी कंपनियां भी अब सवालों के घेरे में हैं। सीजनल और ताजी सामग्री का इस्तेमाल करना चाहिए यह सबसे सुरक्षित और पौष्टिक है।

एफएसएसएआई की इस कार्रवाई ने साफ कर दिया है कि बाहर का चमक-दमक वाला खाना हरगिज़ सुरक्षित नहीं है। ऐसे में सबसे बेहतर यही है कि घर का साफ-सुथरा भोजन खाना चाहिए और बच्चों को भी बाहर के फास्टफूड से दूर रखने की आदत डालना चाहिए।



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