विपक्ष के तीखे विरोध और लगातार हंगामे के बावजूद सरकार ने मंगलवार को संसद में अपने विधायी एजेंडे को आगे बढ़ाते हुए उल्लेखनीय सफलता हासिल की। लोकसभा और राज्यसभा, दोनों सदनों में कुल छह विधेयक पारित हुए, जिनमें आर्थिक, खेल और बुनियादी ढांचा विकास से जुड़े अहम कानून शामिल हैं।
लोकसभा में विपक्षी सांसदों के नारेबाजी और एसआईआर (विशेष जांच रिपोर्ट) मुद्दे पर हंगामा के बावजूद दो विधेयक पारित हुए
खान और खनिज (विकास एवं विनियमन) संशोधन विधेयक : यह विधेयक देश में खनन क्षेत्र के संचालन और नियमन में सुधार के उद्देश्य से लाया गया है। संशोधनों के माध्यम से खनिज संसाधनों के दोहन में पारदर्शिता, निवेश बढ़ाने और तकनीकी सुधार को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया है।
भारतीय पत्तन विधेयक : इस विधेयक का मकसद देश के बंदरगाहों के संचालन को आधुनिक और दक्ष बनाना है। इसके तहत पत्तन प्राधिकरणों के अधिकार, कार्यप्रणाली और निगरानी व्यवस्था में बदलाव किए गए हैं, जिससे अंतरराष्ट्रीय व्यापार में प्रतिस्पर्धा क्षमता बढ़ सके।राज्यसभा में भी विपक्ष ने लगातार हंगामा जारी रखा, लेकिन सरकार ने संक्षिप्त बहस के बाद चार विधेयक पारित हुए
राष्ट्रीय डोपिंग रोधी (संशोधन) विधेयक, 2025 : खेलों में निष्पक्षता बनाए रखने के लिए यह संशोधन डोपिंग नियंत्रण तंत्र को और सख्त बनाता है। इसमें जांच प्रक्रिया तेज़ करने और दंड के प्रावधानों को कड़ा करने की व्यवस्था की गई है।
राष्ट्रीय खेल शासन विधेयक, 2025 : इस कानून के तहत खेल संगठनों के प्रबंधन में पारदर्शिता, खिलाड़ियों के अधिकारों की सुरक्षा और जवाबदेही सुनिश्चित करने के प्रावधान हैं। इसका उद्देश्य भारतीय खेल तंत्र को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप लाना है।
आयकर विधेयक : वित्तीय प्रबंधन और कर प्रशासन में सुधार हेतु यह विधेयक पारित किया गया। इसमें करदाताओं की सुविधा बढ़ाने और कर चोरी पर अंकुश लगाने के लिए कई प्रावधान शामिल हैं।
कराधान विधि (संशोधन) विधेयक : यह विधेयक विभिन्न कर कानूनों में आवश्यक संशोधन कर उन्हें समयानुकूल और अधिक प्रभावी बनाने पर केंद्रित है।
विपक्ष का आरोप है कि सरकार ने चर्चा से बचते हुए विधेयकों को जल्दबाजी में पारित कराया। विपक्षी नेताओं ने कहा है कि इतने महत्वपूर्ण विधेयकों पर गहन बहस होनी चाहिए थी। वहीं, सरकार का तर्क है कि विकास से जुड़े इन कानूनों को पारित करना समय की मांग है और संसद की कार्यवाही को लगातार बाधित करना लोकतांत्रिक प्रक्रिया के विरुद्ध है।
मंगलवार का दिन संसद में सरकार के लिए विधायी दृष्टि से सफल रहा। छह विधेयकों के पारित होने से न केवल आर्थिक और खेल क्षेत्र में सुधार की राह खुलेगी, बल्कि बुनियादी ढांचे और कर प्रशासन में भी नई गति आएगी।
