CBSE पाठ्यक्रम का होगा हिस्सा - “नये आपराधिक कानून”

Jitendra Kumar Sinha
0




भारत में शिक्षा प्रणाली लगातार समय और समाज की जरूरतों के अनुसार बदल रही है। इसी कड़ी में केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने एक अहम कदम उठाया है। अब 2026-27 शैक्षणिक सत्र से 11वीं और 12वीं कक्षा के विधि अध्ययन (Legal Studies) पाठ्यक्रम में नये आपराधिक कानूनों और हालिया कानूनी सुधारों को शामिल किया जाएगा। इसका उद्देश्य छात्रों को न केवल कानून की बुनियादी समझ देना है, बल्कि उन्हें देश के बदलते विधायी परिदृश्य से भी अवगत कराना है।


CBSE के नये निर्णय के तहत छात्रों को भारतीय न्याय संहिता (Bharatiya Nyaya Sanhita)- पुराने भारतीय दंड संहिता (IPC) को बदलकर नया आपराधिक कानून, जिसमें अपराधों की परिभाषा और सजा के प्रावधानों में सुधार किया गया है। तीन तलाक का निरस्तीकरण- मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) अधिनियम 2019 के तहत तीन तलाक को अपराध घोषित करना। राजद्रोह कानून में बदलाव- पुरानी धारा 124A (राजद्रोह) को हटाने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नये दृष्टिकोण को समझना। धारा 377 का समाप्त होना- समान-लैंगिक संबंधों को अपराध की श्रेणी से बाहर करने और LGBTQ+ अधिकारों की मान्यता, विषय पढ़ाए जाएंगे।


CBSE की पाठ्यक्रम समिति ने इस प्रस्ताव को पहले ही मंजूरी दे दी थी और जून 2025 में बोर्ड के शासी निकाय ने इसे औपचारिक रूप से अंगीकार कर लिया। यह बदलाव नये भारत के कानूनी और सामाजिक ढांचे को पाठ्यक्रम में शामिल करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।


ऐसा करने से छात्र सिर्फ किताबों तक सीमित न रहकर कानून के वास्तविक अनुप्रयोग को समझेंगे। जो विद्यार्थी कानून, सिविल सर्विस या न्यायपालिका में जाना चाहते हैं, उनके लिए यह बदलाव बेहद उपयोगी होगा। छात्र मानवाधिकार, लैंगिक समानता और संवैधानिक मूल्यों को गहराई से समझ पाएंगे।


आज के डिजिटल और तेज़ी से बदलते समाज में हर नागरिक के लिए अपने अधिकारों और कर्तव्यों की जानकारी होना अनिवार्य है। अगर युवाओं को स्कूल स्तर पर ही कानून की सही जानकारी दी जाए, तो वे न केवल अपने अधिकारों की रक्षा कर पाएंगे, बल्कि समाज में न्याय और समानता को भी बढ़ावा देंगे।


CBSE का यह कदम शिक्षा और समाज के बीच एक मजबूत सेतु का काम करेगा। नये आपराधिक कानूनों को पाठ्यक्रम में शामिल करना न केवल छात्रों को कानूनी रूप से सशक्त बनाएगा, बल्कि एक जागरूक और जिम्मेदार नागरिक तैयार करने में भी मदद करेगा। आने वाले वर्षों में यह पहल भारतीय शिक्षा प्रणाली में कानूनी साक्षरता का एक नया अध्याय खोलेगी।

एक टिप्पणी भेजें

0टिप्पणियाँ

एक टिप्पणी भेजें (0)

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Learn More
Ok, Go it!
To Top