बिहार में मतदाता सूची के विशेष सघन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर दिल्ली में कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने सोमवार को चुनाव आयोग के खिलाफ जोरदार विरोध दर्ज कराया, लेकिन चुनाव आयोग ने बताया कि बिहार में इन्हीं दलों के पदाधिकारी इस प्रक्रिया को पूरा सहयोग दे रहे हैं। आयोग ने भागलपुर, गोपालगंज और पूर्णिया समेत कई जिलों के कांग्रेस, राजद और सीपीआई (एम) नेताओं के वीडियो जारी किए, जिनमें वे बता रहे हैं कि उन्हें ड्राफ्ट सूची और कटे हुए नामों की सूची दी गई है और एक महीने के भीतर सही नाम फिर से जोड़े जाएंगे। अब तक किसी पार्टी ने कोई औपचारिक शिकायत नहीं की है।
आयोग ने राहुल गांधी के मतदाता सूची में गड़बड़ी के आरोपों पर अपने सख्त रुख को दोहराते हुए कहा कि वे शपथ पत्र के साथ सबूत पेश करें या माफी मांगें। कर्नाटक, महाराष्ट्र और हरियाणा के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारियों ने उन्हें नोटिस और रिमाइंडर भेजकर जवाब मांगा है। आयोग ने विपक्ष के विरोध को महज दिखावा बताते हुए कहा कि जमीन पर हकीकत अलग है, क्योंकि बिहार में वही दल सहयोग कर रहे हैं।
इस बीच, कांग्रेस की मांग पर आयोग ने सोमवार को दोपहर 12 बजे बैठक का समय दिया था, जिसमें अधिकतम 30 लोगों के शामिल होने की शर्त रखी गई थी और प्रतिभागियों के नाम व वाहन नंबर पहले से उपलब्ध कराने को कहा गया था।
