बिहार विधानसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग ने 17 पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों की मान्यता रद्द कर दी है। इन दलों को हटाने का मुख्य कारण यह है कि पिछले छह सालों में इन्होंने एक भी चुनाव नहीं लड़ा और इनके पंजीकृत पते पर इनका कार्यालय भी मौजूद नहीं पाया गया। आयोग ने कहा कि इस कार्रवाई का उद्देश्य चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता और विश्वसनीयता लाना है। अब इन दलों को चुनाव में हिस्सा लेने, चुनाव चिह्न पाने और आयकर छूट जैसे लाभों का अधिकार नहीं रहेगा। यदि कोई दल इस फैसले से असंतुष्ट है तो वह 30 दिनों के भीतर अपील कर सकता है। यह कार्रवाई देशव्यापी सफाई अभियान का हिस्सा है, जिसमें कुल 334 गैर-मान्यता प्राप्त दलों को सूची से बाहर किया गया है। बिहार के जिन 17 दलों की मान्यता रद्द हुई है, उनके नाम इस प्रकार हैं — लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास), जनशक्ति पार्टी, समाज सुधार पार्टी, किसान मजदूर जनशक्ति पार्टी, राष्ट्रीय जनशक्ति पार्टी, जनता दल (राष्ट्रीय), लोक जनता पार्टी, भारतीय जन क्रांति दल, जनता दल (समानता), सर्वजन विकास पार्टी, जनशक्ति दल, राष्ट्रीय क्रांति पार्टी, समाजवादी जनशक्ति पार्टी, जनता जनार्दन पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल (डेमोक्रेटिक), लोकतांत्रिक जनशक्ति पार्टी और राष्ट्रीय लोक कल्याण पार्टी।
