मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने चुनाव से पहले राजनीतिक हलकों में खासी हलचल मची उस मुलाकात को अंजाम दिया—सबसे पहले मोकामा के बाहुबली पूर्व विधायक अनंत सिंह से बातचीत, और ठीक इसके बाद पूर्व सांसद आनंद मोहन और उनके परिवार के साथ। ये दोनों मुलाकातें घटीर राजनीतिक संकेतों से भरी थीं और आगामी विधानसभा चुनाव में इनका गहरा प्रभाव पड़ने की संभावना है।
अनंत सिंह—जिन्हें हाल ही में जेल से रिहाई मिली है—नीतीश कुमार से मिलने उनके सरकारी आवास गए। यह पहली मुलाकात थी और करीब 15 मिनट चली। अनंत सिंह सीधे मोकामा सीट से JDU का टिकट पाने की दावेदारी लेकर गए और सीएम से आशीर्वाद की अपील की। मीडिया से बचते हुए वे सीधे निकल गए, लेकिन इस मुलाकात ने चुनावी रणनीति की दिशा बड़ा असर डाला।
इसके कुछ ही देर बाद आनंद मोहन, अपनी पत्नी सांसद लवली आनंद और विधायक बेटे चेतन आनंद के साथ मुख्यमंत्री से मिलने पहुंचे। मुलाकात के बाद उन्होंने मीडिया से बातचीत में तीखा व्यंग्य किया। तेजस्वी यादव के महागठबंधन की सरकार बनने के दावे पर कहते हैं, "आप मिठाई बांट दीजिए," मानो सरकार बनना पक्का हो गया हो। उन्होंने कहा कि मां सीता के मंदिर का शिलान्यास बिहार और मिथिला के लिए गर्व की बात है, और नौकरी के वादों पर कटाक्ष करते हुए याद दिलाया कि उनके माता-पिता के शासन में नौकरी नहीं मिली और अब देखना है आगे क्या होता है। जब उनसे कहा गया कि तेजस्वी की योजनाओं की नक़ल की जा रही है, तो उन्होंने मुस्कुराकर कहा, "ठीक है, तेजस्वी यादव थिंक टैंक हैं"।
इन मुलाकातों पर तेजस्वी यादव ने ज़ोरदार प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि "ये लोग केवल AK-47 की भाषा समझते हैं"—वह हथियार जिसे सरकार जब्त भी करती है और छुड़ाती भी है। उन्होंने लालू प्रसाद यादव के खिलाफ अपशब्द से बिहार की भलाई नहीं होने की बात कही और अमित शाह की राज्य यात्रा को भी तुच्छ मानते हुए कहा कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
