पाकिस्तान के जनरल आसिम मुनीर ने जो परमाणु धमकी दी है, उस पर भारत ने सीधा और सख्त प्रहार किया है। विदेश मंत्रालय ने साफ़ कह दिया कि यह तथाकथित ‘न्यूक्लियर सैबर-रैटलिंग’ पाकिस्तान की पुरानी आदत है—गिरते हालात और अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी बेइज्जती छिपाने का यही उनका घिसा-पिटा हथियार है। भारत ने इस बयान को न सिर्फ गैर-जिम्मेदाराना कहा, बल्कि चेतावनी दी कि परमाणु हथियारों का नाम लेकर डराने की कोशिश पाकिस्तान की खुद की कमजोरियों और बौखलाहट को उजागर करती है।
जनरल मुनीर के कथित शब्द—कि अगर पाकिस्तान को लगा कि वह हार रहा है तो वह “पूरी दुनिया को साथ में ले डुबो देगा”—भारत के लिए कोई नई बात नहीं है। नई दिल्ली ने साफ़ कहा कि पाकिस्तान हर बार ऐसे बयान देता है जब उसके पास आर्थिक, राजनीतिक और कूटनीतिक मोर्चे पर दिखाने के लिए कुछ नहीं बचता। यह “आत्मघाती बयानबाज़ी” सिर्फ उनकी हताशा और दिवालियापन की गवाही है।
भारत ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भी चेताया कि ऐसे पागलपन भरे शब्द सिर्फ दक्षिण एशिया ही नहीं, पूरी दुनिया की सुरक्षा के लिए खतरा हैं। पाकिस्तान को जिम्मेदार परमाणु राज्य तो छोड़िए, एक लापरवाह और अस्थिर परमाणु जोखिम बनाने वाला मुल्क करार दिया गया। नई दिल्ली का संदेश बिल्कुल साफ़ है—धमकी का जवाब शब्दों से नहीं, बल्कि ज़मीनी हकीकत और तैयारियों से दिया जाएगा, और अगर पाकिस्तान ने कभी भी हद पार की, तो अंजाम उसका खुद के लिए सबसे विनाशकारी होगा।
