बिहार की राजनीति में अभी चल रही “वोटर अधिकार यात्रा” ने एक नया ड्रामा शुरू कर दिया है। इसके पोस्टर बिहार की मुख्य राजनीतिक गलियों से लेकर सोशल मीडिया तक छाए हुए हैं। खासकर राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की तस्वीरें बहुत वायरल हो रही हैं, लेकिन कुछ राजनीतिक हलकों में यह भी चर्चा है कि इस पूरे अभियान में तेज़स्वी यादव के क्रेडिट की कहानी किन्हीं तरीकों से गायब नजर आ रही है। बीजेपी के एक प्रचार-क्षेत्र में यह अभ्यास हो रहा है कि जैसे राहुल-प्रियंका की मौजूदगी ही यात्रा की जान हो, जबकि तेजस्वी उसी इलाके का अपना उम्मीदवार है।
बीजेपी के नेता धर्मेंद्र प्रधान ने इस पूरे आंदोलन पर हमला बोला और आरोप लगाया कि राहुल और प्रियंका गांधी ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंथ रेड्डी को “वोटर अधिकार यात्रा” में बुलाया, जो कि बिहारी जनता की भावनाओं को ठेस पहुंचाने जैसा है — और उनसे बिहार जनता से माफी मांगने की मांग भी की।
इधर, बीजेपी और NDA की तरफ से इस यात्रा को राजनीतिक तमाशा करार दिया जा रहा है। आरोप है कि कांग्रेस–आरजेडी संयुक्त अभियान खुद को बड़ा दिखाने की कोशिश है। वहीं दूसरी ओर, आईएनडीआईए ब्लॉक ने इसे लोकतंत्र बचाने और वोट अधिकारों को सुरक्षित करने का अभियान बताया है। राहुल गांधी और तेजस्वी यादव ने इस यात्रा को बिहार में चुनावी स्वच्छता और मतदाता अधिकारों के लिए अहम मोर्चा बताया है।
