रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध को लेकर नई हलचल सामने आई है। संयुक्त अरब अमीरात की मध्यस्थता से दोनों देशों ने 146-146 बंदियों का आदान-प्रदान किया। इस एक्सचेंज के बाद यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की ने यूएई का आभार जताते हुए कहा कि यह मानवीय दृष्टिकोण से अहम कदम है। यूक्रेन ने स्वतंत्रता दिवस पर शांति की दिशा में रूस पर दबाव डालने की बात कही। ज़ेलेंस्की लगातार कह रहे हैं कि सीधे राष्ट्रपति पुतिन से आमना-सामना वार्ता ही आगे का रास्ता है, लेकिन रूस अभी ऐसी किसी बैठक के लिए तैयार नहीं है। अमेरिकी उपराष्ट्रपति जे.डी. वांस ने बयान दिया कि रूस अब यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता को मान्यता दे रहा है और कीव में कठपुतली शासन नहीं थोपेगा, इसे शांति की दिशा में सकारात्मक संकेत माना जा रहा है।
रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने स्पष्ट कहा कि फिलहाल कोई ज़ेलेंस्की-पुतिन बैठक तय नहीं है। उन्होंने कहा कि बातचीत तभी हो सकती है जब यूक्रेन नाटो में शामिल न होने, विवादित क्षेत्रों पर सहमति बनाने और रूसी भाषा के समर्थन जैसे मुद्दों पर रियायत दे। साथ ही उन्होंने ज़ेलेंस्की को वैध राष्ट्रपति मानने से भी इनकार किया, जिससे शांति प्रक्रिया और पेचीदा हो गई है। कुल मिलाकर, कैदी विनिमय ने थोड़ी उम्मीद जगाई है, लेकिन रूस और यूक्रेन के बीच शांति की राह अभी भी लंबी और मुश्किल है।
