पटना में तेज प्रताप यादव ने अपने छोटे भाई तेजस्वी यादव और कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ‘वोटर अधिकार यात्रा’ पर सीधा हमला बोला। उन्होंने तीखे अंदाज़ में कहा कि यह यात्रा लोकतंत्र की रक्षा के नाम पर सिर्फ़ दिखावा है। तेज प्रताप ने तंज कसते हुए सवाल किया — “ये लोग लोकतंत्र बचाने निकले हैं या उसे तार-तार करने?”
बिहार चुनावी सरगर्मी के बीच लालू परिवार की अंदरूनी खींचतान एक बार फिर सामने आ गई। राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की 16-दिवसीय ‘वोटर अधिकार यात्रा’ जैसे ही रफ्तार पकड़ रही है, उसी वक्त तेज प्रताप यादव ने इस अभियान की मंशा पर सवाल उठाकर सबको चौंका दिया।
पत्रकारों से बातचीत में तेज प्रताप ने कहा कि अगर सच में लोकतंत्र की चिंता होती, तो सबसे पहले इन नेताओं को अपनी पार्टी के अंदर लोकतांत्रिक मूल्यों को मज़बूत करना चाहिए था। उन्होंने आरोप लगाया कि यह यात्रा जनता के मुद्दों से भटकाने और सिर्फ़ राजनीतिक जमीन बचाने का प्रयास है।
तेज प्रताप का यह बयान साफ करता है कि राजद परिवार के भीतर मतभेद गहरे हैं। एक तरफ तेजस्वी राहुल गांधी के साथ कदमताल करते हुए खुद को विपक्षी राजनीति का केंद्र बनाने की कोशिश में हैं, वहीं तेज प्रताप जनता के सामने इन्हें “नाटकबाज़” कहकर पेश कर रहे हैं।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस तरह की बयानबाज़ी का असर न केवल विपक्षी गठबंधन की एकजुटता पर पड़ेगा बल्कि जनता के बीच भी “परिवारवाद बनाम लोकतंत्र” की बहस को और हवा देगा।
