जूती जैसा दिखने वाला अनोखा फूल है - “डार्विन्स स्लिपर”

Jitendra Kumar Sinha
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दुनिया में फूलों की अनगिनत प्रजातियाँ हैं, लेकिन कुछ ऐसे भी होते हैं जो अपनी बनावट, रंग, रूप और रहस्यमय विशेषताओं के कारण प्रकृति प्रेमियों का दिल जीत लेता है। दक्षिण अमेरिका के सुदूर और ठंडे क्षेत्र टिएरा डेल फुएगो में पाया जाने वाला “कै ल्सिओलारिया यूनीफ्लोरा” (Calceolaria uniflora) ऐसा ही एक अनोखा और अद्भुत फूल है, जिसे दुनिया भर में “डार्विन्स स्लिपर” के नाम से जाना जाता है। इसका नाम इसलिए पड़ा क्योंकि इसकी आकृति किसी छोटी-सी जूती या चप्पल जैसी प्रतीत होती है।

इस अनखा फूल का इतिहास भी उतना ही दिलचस्प है। वर्ष 1831 में जब महान जीवविज्ञानी चार्ल्स डार्विन अपनी शोध यात्रा पर थे, तब उनकी नजर इस विचित्र फूल पर पड़ी। इसकी अनोखी संरचना, चमकीले लाल और पीले रंग का संयोजन और बिल्कुल जूती जैसी आकृति देखकर स्वयं डार्विन आश्चर्यचकित रह गए थे। तभी से यह फूल वैज्ञानिक दुनिया में चर्चा का विषय बना रहा।

“डार्विन्स स्लिपर” का आकार छोटा और आकर्षक होता है। इसका ऊपरी भाग लाल, जबकि निचला भाग पीला एव हल्का सफेद मिश्रित रंग का होता है। देखने पर ऐसा लगता है मानो किसी ने बर्फीली धरती पर छोटी-सी रंगीन जूती रख दी हो। यही अनोखी बनावट इसे दुनिया के सबसे विचित्र फूलों में शामिल करती है।

टिएरा डेल फुएगो दुनिया के सबसे ठंडे और कठिन पर्यावरण वाले क्षेत्रों में से एक है, जहाँ पौधों का जीवित रहना ही चुनौतीपूर्ण होता है। लेकिन Calceolaria uniflora हर वर्ष अपनी छोटी-छोटी शाखाओं पर फूल लेकर उभर ही आता है। यही इसे असाधारण बनाता है, कठिन मौसम पर प्रकृति की जीत का प्रतीक।

दुनिया के अधिकतर फूलों का परागण मधुमक्खियों और तितलियों द्वारा होता है, लेकिन “डार्विन्स स्लिपर” का परागण इससे बिल्कुल अलग और अद्वितीय है। यह पौधा पक्षियों पर निर्भर करता है। विशेष रूप से छोटे कीटभक्षी पक्षी इसके फूल के अंदर मौजूद मीठे भोजन को खाने आते हैं। इस प्रक्रिया में पराग उनके चोंच और सिर पर चिपक जाता है, और वे इसे एक फूल से दूसरे फूल तक पहुँचा देता है। यह प्राकृतिक सहयोग इस छोटे से फूल को जीवनचक्र पूरा करने में मदद करता है।

इसकी आकार-प्रकृति दुनिया में अद्वितीय है। ठंडे और कठिन मौसम में भी यह जीवित रहता है। वैज्ञानिकों के लिए यह अध्ययन का रोचक विषय है। चार्ल्स डार्विन की खोज इसे इतिहास से जोड़ती है।

“डार्विन्स स्लिपर” केवल एक फूल नहीं है, बल्कि प्रकृति की आश्चर्यजनक रचनात्मकता का जीवंत उदाहरण है। यह साबित करता है कि प्रकृति कितनी अनोखी और विविध हो सकती है। दूरस्थ बर्फीली भूमि में खिलने वाला यह छोटा-सा फूल आज भी वनस्पति विज्ञानियों, शोधकर्ताओं और प्रकृति प्रेमियों को उतना ही आकर्षित करता है, जितना लगभग दो सौ वर्ष पहले डार्विन को किया था।




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