कर्नाटक के बाजारों से पश्चिम बंगाल, मध्यप्रदेश, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में बनने वाली इंजेक्शन की 9 दवा राज्य की प्रयोगशाला में परीक्षण में फेल हो जाने के कारण कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री ने संभावित जोखिमों पर प्रकाश डालते हुए राज्य में इन इंजेक्शन की दवा बिक्री रोकने पर तत्काल करवाई करने के लिए केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिखकर अनुरोध किया है।
इंजेक्शन की दवा जांच 1 जनवरी से 16 फरवरी, 2025 तक किए गए परीक्षण में सुरक्षा मानकों के अनुरूप खरी नहीं उतरी है। इसलिए 9 इंजेक्शन दवा कर्नाटक में बिक्री पर रोक लगा दिया गया है।
इंजेक्शन वाली 9 दवा जो राज्य प्रयोगशाला में फेल कर गया है वह है बारूईपुर, पश्चिम बंगाल के फार्मा इंपेक्स लैबोरेटरीज की "मेट्रोनिडाजोल इंजेक्शन", इंदौर मध्यप्रदेश के अल्फा लैबोरेटरीज की "डाइक्लोफैनेक सोडियम इंजेक्शन", रुसोमा लैबोरेटरीज की "डेक्सट्रोज इंजेक्शन" एवं मॉर्डन लैबोरेटरीज की "पिपेरसिलिन टेजोबैक्टम", खरगोन मध्य प्रदेश के आईएचएल लाइफ साइंसेज प्राइवेट लिमिटेड की "मेट्रोनिडाजोल", बहादुरगढ़ हरियाणा के पाकसन्स फार्मास्युटिकल्स की "फ़्रूसेमाइड" एवं हिसार हरियाणा के रीगेन लैबोरेटरीज की "कैल्शियम ग्लूकोनेट और ओन्डेनसेट्रॉन" तथा सोलन, हिमाचल प्रदेश के मार्टिन एंडब्राउन बायोसाइंसेज की "एट्रोपिन सल्फेट" शामिल हैं।