चार मुखी रुद्राक्ष - चतुर्मुख ब्रह्मा का स्वरूप है

Jitendra Kumar Sinha
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रूद्राक्ष धारण का आध्यात्मिक महत्त्व के साथ वैज्ञानिक महत्त्व भी है। वैज्ञानिकों का मानना है कि रूद्राक्ष में चुम्बकीय आकर्षण और विद्युतीय शक्ति विद्यमान है, जिससे रूद्राक्ष धारण करने वालों को शारीरिक दृष्टि से अनुकूल प्रभाव पड़ता है। इसलिए अब चुम्बकीय लाभ के लिए भी रूद्राक्ष का उपयोग किया जाने लगा है।



चार मुखी रुद्राक्ष को चतुर्मुख ब्रह्मा का स्वरूप माना गया है और चारों वेदों का रूप माना गया है। चार मुखी रुद्राक्ष मनुष्य को धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष चतुर्वर्ग फल देता है। यह चारों वर्ण ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शुद्र तथा चारो आश्रम ब्रह्मचर्य, गृहस्थ, वानप्रस्थ और संन्यास के द्वारा पूजनीय और वंदनीय है।



शुभेच्छुओं को चार मुखी रुद्राक्ष धारण कराना चाहिए । इसके धारण करने से चतुर्वर्ग फल की प्राप्ति होती है। चार मुखी रुद्राक्ष धारण करने से सभी प्रकार के मानसिक रोग ठीक हो जाते हैं। चार मुखी रुद्राक्ष धारण करने से वैभव की प्राप्ति होती है, स्वास्थ्य ठीक रहता है। हत्या दोष का शमन होता है। 


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