राष्ट्रपति शासन लगने के बाद से केन्द्र सरकार मणिपुर में शीघ्र शांति बहाल करने की दिशा में प्रयत्नशील है। क्योंकि केन्द्रीय गृह मंत्री ने मणिपुर की सभी सड़कों को खोल देने और अबाध यातायात सुनिश्चित करने का निदेश सुरक्षा बलों को दिया है। इस निदेश को महत्वपूर्ण बताया जा रहा है, इससे मणिपुर में सामान्य स्थिति बहाल हो सकेगी।
मणिपुर में जातीय हिंसा भड़कने के बाद से, इंफाल घाटी स्थित मैतेई और पर्वतीय क्षेत्रों में रहने वाले कुकी लोगों के क्षेत्रों से यात्रा पूरी तरह प्रतिबंधित कर दी गयी थी। मणिपुर से बाहर जाने के लिए कुकी मिजोरम होकर जाते हैं, जबकि मैतेई कुकी बहुल पर्वतीय क्षेत्रों में नहीं जाते।
गृह मंत्री ने यह भी निदेश दिया है कि मणिपुर में बाधा पैदा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई किया जाए। उन्होंने राज्य की अंतरराष्ट्रीय सीमा पर निर्धारित एंट्री पॉइंट के दोनों ओर बाड़ लगाने का काम जल्दी पूरा करने की जरूरत बतायी, ताकि म्यांमार से प्रवेश करने वाले अवैध प्रवासियों को रोका जा सके।
हिंसा के दौरान सभी गुटों द्वारा लूटे गये अवैध हथियार वापस करने के लिए मणिपुर के राज्यपाल ने लूटे गये और अवैध रूप से रखे गये, सभी हथियारों को सात दिनों के अंदर स्वेच्छा से पुलिस के सुपुर्द करने का आह्वान किया था। राज्यपाल ने यह आश्वासन भी दिया था कि हथियार सौंपने वाले लोगों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जायेगी। जनता द्वारा 300 से अधिक हथियार सौंपे गये हैं। कम हथियार लौटने के कारण राज्यपाल ने हथियार लौटाने की समय सीमा बढ़ाकर 6 मार्च कर दिया है।
केन्द्रीय गृहमंत्री ने मणिपुर में, सभी मार्गों पर लोगों की सुचारु आवाजाही सुनिश्चित करने, मणिपुर को नशामुक्त बनाने के लिए नशीले पदार्थों की तस्करी में शामिल पूरे नेटवर्क को खत्म करने, आम लोगों से जबरन वसूली के मामलों पर सख्त कार्रवाई करने का भी निदेश दिया है।
मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगने के बाद से, मणिपुर में अपेक्षाकृत शांति के बीच, गृहमंत्री का निदेश, मणिपुर में स्थायी शांति बहाल करने की दिशा में अच्छी कदम है।