बिहार की राजधानी पटना में हाल ही में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को भारत रत्न देने की मांग को लेकर पोस्टर लगाए गए हैं, जिससे राज्य की राजनीति में हलचल मच गई है। इन पोस्टरों में लालू यादव को 'सामाजिक न्याय का मसीहा' बताते हुए उन्हें भारत रत्न से सम्मानित करने की अपील की गई है।
इन पोस्टरों के जवाब में भाजपा और जदयू ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। भाजपा प्रवक्ता नीरज कुमार ने इस मांग को 'हास्यास्पद' बताते हुए कहा कि लालू प्रसाद को भारत रत्न देने की बात करना भारत रत्न जैसे सम्मान का अपमान है। उन्होंने लालू यादव के कार्यकाल के दौरान बिहार में अपहरण उद्योग और नरसंहार की घटनाओं का उल्लेख करते हुए इस मांग की आलोचना की।
जदयू नेता और एमएलसी नीरज कुमार सिंह ने भी तंज कसते हुए कहा कि लालू प्रसाद 'होटवार जेल के कैदी नंबर 3351 रत्न', 'बेउर जेल के रत्न' और 'सीबीआई के रत्न' हैं। उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद ऐसे राजनीतिक नमूना हैं, जिसे देखकर रत्न को भी शर्म आ जाए।
इस बीच, पटना के विभिन्न चौक-चौराहों पर लालू यादव के खिलाफ पोस्टर लगाए गए हैं, जिनमें 10 मार्च 1990 को उनके मुख्यमंत्री बनने के दिन को 'काला दिन' बताया गया है। इन पोस्टरों में लालू यादव की ढोल बजाते हुए तस्वीर के साथ लिखा है, 'भूलेगा नहीं बिहार... मार्च का वो काला दिन जब बिहार की जनता का ढोल बजाने को लिया था शपथ।'
इन घटनाओं से स्पष्ट है कि बिहार की राजनीति में पोस्टर वार तेज हो गई है, जहां एक ओर लालू यादव को भारत रत्न देने की मांग की जा रही है, वहीं दूसरी ओर उनके विरोध में भी पोस्टर लगाए जा रहे हैं। आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर यह मुद्दा राजनीतिक दलों के बीच चर्चा का केंद्र बन गया है।