पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हमास को कड़ी चेतावनी दी है, जिसमें उन्होंने कहा है कि यदि इस्राइली बंधकों को तुरंत रिहा नहीं किया गया तो इसके गंभीर परिणाम होंगे। ट्रंप ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि हमास को इसका अंजाम भुगतना पड़ेगा और उनके नेताओं के लिए यह घातक साबित हो सकता है।
अमेरिका और हमास के बीच बातचीत
ट्रंप की इस धमकी के बीच खबरें आ रही हैं कि अमेरिका और हमास के बीच प्रत्यक्ष बातचीत हो रही है। यह पहली बार है जब अमेरिका ने आधिकारिक रूप से इस आतंकवादी संगठन के साथ बातचीत की पुष्टि की है। व्हाइट हाउस की प्रवक्ता कैरोलिन लेविट ने कहा कि इन वार्ताओं का मकसद अमेरिकी और इस्राइली बंधकों की रिहाई सुनिश्चित करना है, साथ ही गाजा में शांति स्थापित करने के प्रयासों को आगे बढ़ाना है।
इजराइल को पूरा समर्थन देने की बात
ट्रंप ने इजराइल के प्रति अपने समर्थन को दोहराते हुए कहा कि यदि हमास ने बंधकों को रिहा नहीं किया तो अमेरिका, इजराइल की हरसंभव मदद करेगा ताकि "इस समस्या का अंत किया जा सके।" उन्होंने हमास को 'अंतिम चेतावनी' देते हुए कहा कि आतंकवादी संगठन को खुद तय करना होगा कि वे किस रास्ते पर जाना चाहते हैं।
मध्य पूर्व में बढ़ता तनाव
यह चेतावनी ऐसे समय में आई है जब गाजा में संघर्ष जारी है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय स्थिति पर नजर बनाए हुए है। इस वार्ता और ट्रंप की धमकी के बाद यह देखना अहम होगा कि हमास क्या रुख अपनाता है और क्या यह क्षेत्रीय शांति के लिए कोई सकारात्मक कदम उठाएगा या नहीं।