अंटार्कटिका जितना ठंडा है, उत्तना ही रहस्यमयी भी। जहां इंसान बिना सुरक्षा कुछ मिनट भी नहीं रुक सकता है, वहीं यहां के सूक्ष्म जीव माइनस 80 डिग्री सेल्सियस तक की तापमान में जिंदा रह जाते हैं।
हाल की एक रिसर्च में बताया गया है कि यह सूक्ष्म जीव ठंड से लड़ने की रणनीति समझ सकते हैं। इन जीवों की दो खास रणनीतियां होती है - पहला 'फ्रीज टॉलरेंस' यानि बर्फ को सहन करना और दूसरा 'फ्रीज अवॉइडेंस' यानि बर्फ बनने से बचाव।
इन दोनों तरीकों से ये नन्हे सूक्ष्म जीव जिंदा रहने का ऐसा कारनामा कर दिखाते है जो इंसान के लिए विज्ञान और चिकित्सा की नई राह खोल सकता है।
टार्डिग्रेड्स, एक सूक्ष्म जीव, जो पृथ्वी पर सबसे चरम स्थितियों को झेलने में सक्षम होने के लिए मशहूर है। यह जीव माइनस 20 डिग्री पर 30 साल तक जीवित रहता है।
कुछ सूक्ष्मजीव अपने शरीर में ऐसे रसायन बनाते हैं जो जमाव प्रक्रिया धीमा कर देता है। बेल्गिका अंटार्कटिका मिज अपने भीतर जमी बर्फ को इस तरह 'मैनेज' करता है कि शरीर को नुकसान न पहुंचे।
———————