अब नहीं सताएगा गर्मियों में जल संकट: बिहार सरकार की बड़ी पहल

Jitendra Kumar Sinha
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गर्मी की दस्तक के साथ ही हर साल पेयजल संकट की आशंका घर कर जाती है। लेकिन इस बार बिहारवासियों को राहत मिलने वाली है। राज्य सरकार ने इस बार गर्मियों में संभावित जल संकट से निपटने के लिए एक ठोस और व्यापक कार्ययोजना तैयार की है। लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग (PHED) द्वारा चापाकलों की मरम्मति, टैंकरों से जल आपूर्ति और जल गुणवत्ता सुधार पर ज़ोर देते हुए कई अहम कदम उठाए गए हैं।


चापाकलों की मरम्मति और नए निर्माण पर विशेष ज़ोर

राज्य के लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण मंत्री श्री नीरज कुमार सिंह ने बताया कि इस वर्ष 1,20,749 चापाकलों की मरम्मति का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिसकी प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। वहीं 1520 नए चापाकलों के निर्माण की भी मंज़ूरी दे दी गई है। जिन इलाकों में भूजल स्तर नीचे चला गया है, वहां राइज़र पाइप लगाकर चापाकलों को फिर से क्रियाशील बनाया जा रहा है।


टैंकर से पानी की आपूर्ति: हर घर तक राहत

जल संकट से जूझ रहे क्षेत्रों में 'हर घर नल का जल' योजना के अतिरिक्त, टैंकरों के माध्यम से पानी पहुंचाया जाएगा। जल वितरण के लिए एक रूट चार्ट भी तैयार किया गया है ताकि कोई गांव या टोला जल संकट से प्रभावित न हो। इस पूरी व्यवस्था की निगरानी जिला स्तर पर नियंत्रण कक्ष से की जा रही है।


जल गुणवत्ता पर विशेष निगरानी

जल स्रोतों की गुणवत्ता पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। जिन क्षेत्रों में आर्सेनिक, फ्लोराइड या आयरन की मात्रा अधिक पाई गई है, उन्हें लाल रंग से चिन्हित कर दिया गया है। ऐसे स्रोतों से पानी लेने से पहले लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी जा रही है।


स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्र भी होंगे लाभान्वित

'हर घर नल का जल' योजना के तहत अब स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों को भी तेजी से जोड़ा जा रहा है, जिससे बच्चों को भी साफ और सुरक्षित पेयजल मिल सके।


जानवरों के लिए भी पानी की व्यवस्था

गर्मी के मौसम में सिर्फ इंसानों की नहीं, जानवरों की प्यास भी बुझाना ज़रूरी है। इसी को ध्यान में रखते हुए राज्य में अब तक कुल 261 कैटल ट्रफ (पशु प्याऊ) बनाए जा चुके हैं। इनकी नियमित जांच और भौतिक सत्यापन भी किया जा रहा है।


समाप्ति विचार

राज्य सरकार की यह कार्ययोजना न केवल जल संकट से निपटने का मजबूत प्रयास है, बल्कि यह एक संवेदनशील प्रशासन की झलक भी देती है। अगर यही रफ्तार रही तो जल्द ही हम कह सकेंगे — "पानी की कमी अब इतिहास बनेगी।"

यदि आप भी अपने क्षेत्र में किसी प्रकार की जल समस्या से जूझ रहे हैं, तो संबंधित विभाग से संपर्क करें और इस योजना का लाभ उठाएं।

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