सरकारी कार्यालयों में कर्मचारियों की देरी से आने की आदत को रोकने और समय की पाबंदी सुनिश्चित करने के लिए कर्नाटक सरकार एक नई आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) आधारित उपस्थिति प्रणाली शुरू करने जा रही है। इसमें ऑफिस में ली गई सेल्फी से ही हाजिरी दर्ज होगी।
सूत्रों के अनुसार, कार्मिक और प्रशासनिक सुधार विभाग (डीपीएआर) के सेंटर ऑफ ई-गवर्नेस ने कर्नाटक उन्नत उपस्थिति प्रबंधन प्रणाली (केएएएमएस) विकसित की है, और इसे सभी विभागों में लागू करने की योजना बना रही है, ताकि देरी से आने की समस्या पर अंकुश लगाया जा सके। इस नई व्यवस्था के तहत कर्मचारियों को अपने कार्यालय परिसर में मोबाइल फोन से सेल्फी लेकर ऐप पर अपलोड करनी होगी और इसी से उपस्थिति दर्ज होगी।
एप में फेस रिकग्निशन और लोकेशन ट्रैकिंग जैसी तकनीक का समावेश होगा, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कर्मचारी वाकई में ऑफिस में मौजूद है। अगर कर्मचारी उसे ऑफिस के बाहर से अपलोड करने की कोशिश करेगा तो सिस्टम उसे स्वीकार नहीं करेगा।
यह प्रणाली बायोमेट्रिक प्रणाली से बेहतर होगी क्योंकि पहले बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली लागू थी, लेकिन इसे कई तकनीकी और परिचालन समस्याओं का सामना करना पड़ा। शुरू में यह प्रभावी रही, लेकिन धीरे-धीरे इसका उपयोग घट गया। वर्तमान में जिला-स्तरीय कार्यालयों, जैसे- जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक और जिला पंचायत में बायोमेट्रिक सिस्टम, काम कर रहा है, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में, इसे पूरी तरह लागू नहीं किया जा सका। इससे कर्मचारियों के देर से आने और जल्दी जाने की शिकायतें बनी रहती हैं।
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