कॉम्फेड में आईआईएम छात्रों की एंट्री से बढ़ी उम्मीदें, सुधा ब्रांड को मिलेगा नया आयाम

Jitendra Kumar Sinha
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बिहार में सरकारी और सहकारी क्षेत्रों में बदलाव की बयार बह रही है। इसका ताजा उदाहरण है बिहार स्टेट मिल्क को-ऑपरेटिव फेडरेशन लिमिटेड (कॉम्फेड) में आईआईएम जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों से पढ़े प्रबंधन स्नातकों की नियुक्ति। पहली बार आईआईएम बोधगया के 19 छात्रों ने कॉम्फेड में एक साथ योगदान दिया है।


कॉम्फेड ने इन युवाओं का चयन कैंपस प्लेसमेंट के माध्यम से किया है, जिससे यह संकेत मिलता है कि बिहार अब केवल श्रम प्रवासी राज्य नहीं रहा, बल्कि अवसरों की भूमि बनता जा रहा है।


सुधा को मिलेगा प्रबंधन का नया नजरिया

कॉम्फेड, जो 'सुधा' ब्रांड के नाम से डेयरी उत्पादों का उत्पादन और विपणन करती है, अब आधुनिक प्रबंधन दृष्टिकोण के साथ अपनी रणनीतियों को मजबूत करने की दिशा में बढ़ रही है। आईआईएम बोधगया के छात्रों के साथ-साथ चंद्रगुप्त इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट, विकास प्रबंधन संस्थान, और एलएन मिश्रा संस्थान से भी कुल 12 अन्य प्रबंधन स्नातकों का चयन हुआ है।


बदलता बिहार, बढ़ते अवसर

एक समय था जब आईआईएम जैसे संस्थानों से निकले युवा बहुराष्ट्रीय कंपनियों की ओर रुख करते थे, लेकिन अब वे बिहार जैसे राज्यों में अपनी सेवाएं देने को तैयार हैं। कॉम्फेड में इनकी नियुक्ति यह दर्शाती है कि अब राज्य में पेशेवर प्रतिभाओं को न केवल स्वीकार किया जा रहा है, बल्कि उन्हें नेतृत्व की जिम्मेदारी भी दी जा रही है।


देश-विदेश में फैलता सुधा का कारोबार

कॉम्फेड वर्तमान में प्रतिदिन 30 लाख लीटर दूध का संग्रहण करता है और इसे बिहार, झारखंड, पूर्वोत्तर राज्यों, दिल्ली-एनसीआर, पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश के शहरों में बेचता है। यही नहीं, अब कॉम्फेड के गुलाबजामुन कनाडा और घी अमेरिका के बाजार में भेजे जा रहे हैं। देश की तीसरी सबसे बड़ी सहकारी डेयरी संस्था बन चुकी कॉम्फेड अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज करा रही है।


रोजगार और व्यापार का लक्ष्य

कॉम्फेड फिलहाल लगभग 4000 लोगों को प्रत्यक्ष और 40,000 लोगों को अप्रत्यक्ष रोजगार दे रही है। अगले पांच वर्षों में इसका लक्ष्य है कि प्रत्यक्ष रोजगार को बढ़ाकर 12,000 और अप्रत्यक्ष रोजगार को 1,20,000 तक पहुंचाया जाए। साथ ही व्यापार को 5500 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 10,000 करोड़ रुपये तक ले जाने की योजना है।


गुणवत्ता और नवाचार की ओर बढ़ते कदम

पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग की अपर मुख्य सचिव डॉ. एन. विजयलक्ष्मी ने बताया कि कॉम्फेड न केवल अपने विपणन क्षेत्र का विस्तार कर रहा है, बल्कि उत्पादों की विविधता भी बढ़ा रहा है। अनरसा, थर्मोपैक पेड़ा, थर्मोपैक पनीर, गाय का घी, पेटजार घी और मिष्टी दोई जैसे नए उत्पाद बाजार में उतारे गए हैं, जो पारंपरिक स्वाद और आधुनिक पैकेजिंग का बेहतरीन संगम हैं।


कॉम्फेड में आईआईएम छात्रों की नियुक्ति केवल एक नौकरी नहीं, बल्कि एक दृष्टिकोण है – बिहार को बदलने का, युवाओं को रोकने का, और सुधा ब्रांड को वैश्विक मंच पर ले जाने का। जब पारंपरिक संगठन आधुनिक प्रबंधन से जुड़ते हैं, तो परिणाम केवल विकास नहीं होता, बल्कि एक नई शुरुआत होती है।

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