राज्य सरकार द्वारा कृषि क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक और सशक्त कदम उठाया गया है। इस कड़ी में बिहार के माननीय उपमुख्यमंत्री-सह-कृषि मंत्री श्री विजय कुमार सिन्हा ने सीतामढ़ी जिले के मुरादपुर में अत्याधुनिक बीज प्रसंस्करण इकाई और विशाल गोदाम का भव्य उद्घाटन किया। यह इकाई प्रति घंटा 1 टन बीज प्रसंस्करण की क्षमता से युक्त है, वहीं गोदाम में 500 मीट्रिक टन तक भंडारण की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। उद्घाटन समारोह में कला, संस्कृति एवं युवा विभाग के माननीय मंत्री श्री मोतीलाल प्रसाद विशिष्ट अतिथि के रूप में तथा सीतामढ़ी नगर के विधायक श्री मिथिलेश कुमार गरिमामयी उपस्थिति में शामिल हुए। कार्यक्रम की अध्यक्षता कृषि विभाग के सचिव श्री संजय कुमार अग्रवाल ने की।
इस अवसर पर बोलते हुए उपमुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि यह पहल राज्य सरकार की उस दूरदर्शी नीति का हिस्सा है जिसके अंतर्गत किसानों को राज्य के भीतर ही गुणवत्तायुक्त बीज सुलभ कराने की योजना बनाई गई है। इसके अंतर्गत न केवल बीज प्रसंस्करण की आधारभूत संरचना को सुदृढ़ किया जा रहा है, बल्कि किसानों को स्थानीय स्तर पर आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में ठोस प्रयास किए जा रहे हैं।
सीतामढ़ी जिले में इस परियोजना से लगभग 300 हेक्टेयर भूमि पर खेती करने वाले 407 किसानों को 300 क्विंटल गेहूं का आधार बीज उपलब्ध कराया गया है। इस आधार बीज से अनुमानित 10,500 क्विंटल प्रमाणित बीज का उत्पादन होगा, जिसे अब जिले में ही प्रसंस्कृत और संग्रहित किया जा सकेगा। इससे किसानों को समय पर बीज की आपूर्ति सुनिश्चित होगी और साथ ही बीज की गुणवत्ता पर भी नियंत्रण रहेगा।
कृषि में नवाचार और संवाद का संगम – पुनौरा धाम से किसान कल्याण यात्रा का शुभारंभ
बीज प्रसंस्करण इकाई के लोकार्पण के उपरांत उपमुख्यमंत्री श्री सिन्हा ने पुनौरा धाम में आयोजित किसान कल्याण संवाद कार्यक्रम में भाग लिया, जहां उन्होंने किसानों के साथ सीधा संवाद स्थापित किया। इस ऐतिहासिक यात्रा की शुरुआत पुनौरा धाम से करना सांस्कृतिक और परंपरागत दृष्टिकोण से अत्यंत उपयुक्त बताया गया, क्योंकि यही वह पवित्र स्थल है जहाँ से माता सीता का प्रादुर्भाव हुआ और जहाँ राजा जनक ने पहली बार हल चलाकर कृषि परंपरा की नींव रखी थी।
कार्यक्रम में सीतामढ़ी के सांसद श्री देवेश चंद्र ठाकुर, कला, संस्कृति एवं युवा विभाग के मंत्री श्री मोतीलाल प्रसाद, एवं कई विधायक तथा जनप्रतिनिधि भी उपस्थित रहे। सचिव कृषि श्री संजय कुमार अग्रवाल ने अध्यक्षता करते हुए कहा कि यह कार्यक्रम किसानों के साथ सरकार की संवेदनशील और संवादात्मक नीति का जीवंत उदाहरण है।
उपमुख्यमंत्री ने संवाद के दौरान कई किसानों की कृषि पद्धतियों, नवाचारों और चुनौतियों को सुना। राम लाल महतो स्ट्रॉबेरी और सब्जियों की खेती कर रहे हैं, जबकि पुष्प कुमारी और ममता कुमारी मशरूम उत्पादन में निपुण हैं। वहीं नंदलाल महतो फूलों की खेती से जुड़े हैं और राम शंकर शाह कस्टम हायरिंग सेंटर चला रहे हैं। इन सभी किसानों से मिलकर मंत्री ने उनकी समस्याओं को समझा और सरकार की ओर से हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया।
राज्य सरकार की दूरदृष्टि और केंद्र के सहयोग से मिल रहा किसानों को नया हौसला
अपने संबोधन में श्री सिन्हा ने बताया कि कृषि क्षेत्र को लाभकारी और किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए राज्य सरकार लगातार प्रयासरत है। भारत की 46 प्रतिशत और बिहार की लगभग 88 प्रतिशत ग्रामीण जनसंख्या कृषि पर निर्भर है। ऐसे में फसल विविधीकरण, उन्नत किस्में और नवाचार अपनाकर किसानों की आय में वृद्धि सुनिश्चित की जा सकती है।
‘प्रधानमंत्री धन-धान्य योजना’ के तहत 100 आकांक्षी जिलों में सतत कृषि को बढ़ावा दिया जा रहा है, जिससे करीब 1.70 करोड़ किसानों को सीधा लाभ मिलेगा। बिहार के लिए यह गौरव की बात है कि केंद्र सरकार ने ‘मखाना बोर्ड’ का गठन कर मिथिला क्षेत्र के लगभग एक करोड़ किसानों के जीवन में क्रांतिकारी परिवर्तन की नींव रखी है।
2024-25 के बजट में 32 फसलों एवं बागवानी क्षेत्र की 109 जलवायु अनुकूल एवं उच्च उत्पादक किस्में जारी की गई हैं। फूलों की खेती को 100% निर्यात-उन्मुख नीति के तहत प्रोत्साहित किया जा रहा है। जैविक खेती को बढ़ावा देने हेतु 13 जिलों में कॉरिडोर आधारित परियोजना लागू की गई है, जिससे न केवल मिट्टी की उर्वरता सुधरेगी, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न होंगे।
बिहार आज भारत का 85% और विश्व का 60% मखाना उत्पादन करता है। मखाना बोर्ड के गठन से 50,000 किसान परिवारों को प्रत्यक्ष रूप से लाभ होगा और वैश्विक बाजारों में मखाना की पहुंच सुनिश्चित होगी।
नवाचार ही है आधुनिक कृषि की रीढ़
कृषि विभाग के सचिव श्री संजय कुमार अग्रवाल ने किसानों को विश्वास दिलाया कि उनके उत्पादों को बेहतर बाजार उपलब्ध कराने की दिशा में शीघ्र ही ठोस कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने पोषक अनाजों की खेती को प्रोत्साहित करने, खस जैसी सुगंधित फसलों और फूलों की व्यावसायिक खेती को बढ़ावा देने पर बल दिया और किसानों को नवाचार अपनाने के लिए प्रेरित किया।
इस अवसर पर कृषि विभाग के विशेष सचिव डॉ. वीरेन्द्र प्रसाद यादव, कृषि निदेशक श्री नितिन कुमार सिंह, उद्यान निदेशक श्री अभिषेक कुमार, संयुक्त सचिव श्री मनोज कुमार, बसोका निदेशक श्री सनत कुमार जयपुरियार समेत विभाग के कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।