मुर्शिदाबाद हिंसा पर असदुद्दीन ओवैसी का बयान: "हिंसा की निंदा करता हूं, शांतिपूर्ण प्रदर्शन होना चाहिए"

Jitendra Kumar Sinha
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पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ कानून को लेकर हुई हिंसा ने प्रदेश की राजनीति में हलचल मचा दी है। इस घटना में अब तक तीन लोगों की मौत हो चुकी है और 150 से अधिक गिरफ्तारियां हुई हैं। इस संवेदनशील मुद्दे पर एआईएमआईएम (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।


"मैं ममता सरकार का प्रवक्ता नहीं हूं"

ओवैसी ने मीडिया से बात करते हुए कहा, "मैं पश्चिम बंगाल सरकार का प्रवक्ता नहीं हूं। उनसे सवाल पूछिए, उनके पास जवाब देने वाले लोग हैं।" उन्होंने कहा कि कोई भी सरकार हो—ममता बनर्जी की या योगी आदित्यनाथ की—अगर कोई अन्याय करेगा, तो मैं जरूर बोलूंगा।


"हिंसा गलत है, लेकिन दोहरा मापदंड क्यों?"

ओवैसी ने कहा कि वे किसी भी हिंसा की कड़ी निंदा करते हैं। "प्रदर्शन करना हमारा संवैधानिक अधिकार है, लेकिन हिंसात्मक तरीका बिल्कुल गलत है। मगर जब महाराष्ट्र या यूपी में बुलडोजर चलता है और नाबालिगों तक को निशाना बनाया जाता है, तब बाकी नेता चुप क्यों रहते हैं?" उन्होंने यह सवाल उठाते हुए कथित दोहरे मापदंडों पर भी निशाना साधा।


वक्फ कानून को बताया असंवैधानिक

ओवैसी ने केंद्र सरकार पर भी हमला बोला। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मांग की कि वे वक्फ से जुड़ा नया कानून वापस लें। "यह कानून मुस्लिम समाज की संपत्तियों को जबरन हथियाने की कोशिश है, जो संविधान के खिलाफ है। आप अपनी विचारधारा को देश पर थोपना बंद कीजिए," उन्होंने कहा।


अन्य मुस्लिम नेताओं की प्रतिक्रिया

ऑल इंडिया इमाम एसोसिएशन के प्रमुख मौलाना साजिद रशीदी ने भी ममता बनर्जी और ओवैसी दोनों पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, "ये नेता मुसलमानों का इस्तेमाल सिर्फ वोट बैंक के रूप में करते हैं। अगर ममता बनर्जी वक्फ कानून लागू नहीं कर रहीं, तो मुर्शिदाबाद में हिंसा कैसे भड़की?"

वहीं जमीयत उलेमा-ए-हिंद के महासचिव नियाज फारुकी ने कहा, "इस्लाम किसी भी तरह की हिंसा की इजाजत नहीं देता। हम न हिंसा करेंगे, न करने देंगे।"


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