चीन के हुनान प्रांत के झांगजियाजी स्थित वुलिंगयुआन क्षेत्र में बना बैलॉन्ग एलिवेटर (Bailong Elevator) सिर्फ एक साधारण लिफ्ट नहीं है, बल्कि इंजीनियरिंग का एक ऐसा चमत्कार है, जो पहाड़ की चोटी तक पहुंचने को एक रोमांचक अनुभव में बदल देता है। यह लिफ्ट 'सौ ड्रैगनों की लिफ्ट' के नाम से मशहूर है और हर साल लाखों पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करता है।
बैलॉन्ग एलिवेटर की ऊंचाई 326 मीटर है, जो इसे दुनिया की सबसे ऊंची और सबसे भारी बाहरी लिफ्ट बनाता है। यह डबल-डेकर यानि दो-मंजिला एलिवेटर है, जो एक बार में 50 से ज्यादा यात्रियों को ले जाता है। पूरी संरचना पारदर्शी कांच का बना है, जिससे ऊपर चढ़ते समय यात्रियों को प्रकृति का अद्भुत दृश्य दिखाई देता है। इसका निर्माण वर्ष 1999 में शुरू हुआ था और 2002 में इसे आम जनता के लिए खोल दिया गया है।
चीनी संस्कृति में ड्रैगन शक्ति, गति और रक्षा का प्रतीक माना जाता हैं। जब यह लिफ्ट चट्टानों के किनारे से सीधा ऊपर जाता है, तो देखने में ऐसा लगता है, मानो कई ड्रैगन एकसाथ उड़ान भर रहा हो। इसी कल्पना के कारण इसे ‘बैलॉन्ग’ या ‘सौ ड्रैगनों की लिफ्ट’ कहा जाता है।
यह लिफ्ट केवल एक यात्रा का माध्यम नहीं है, बल्कि एक जीवंत अनुभव है। जैसे ही एलिवेटर ऊपर बढ़ता है, यात्रियों के सामने झांगजियाजी का रहस्यमयी और हरा-भरा परिदृश्य खुलता जाता है। नीचे गहराइयों में घाटियां, पास में घने जंगल और दूर ऊंचे-ऊंचे पर्वत, यह सबकुछ आंखों को ऐसा दृश्य दिखता हैं जो जिंदगी भर याद रहता है।
हालांकि यह लिफ्ट प्राकृतिक क्षेत्र के बीच बनी है, फिर भी इसके निर्माण में पर्यावरणीय संतुलन का विशेष ध्यान रखा गया है। इसका संचालन इस तरह किया जाता है कि पर्यावरण को न्यूनतम नुकसान हो। साथ ही यह भूकंप रोधी तकनीक से लैस है और इसमें तीन डबल-डेक केबिन हैं जो कुछ ही मिनटों में यात्रियों को चोटी तक पहुंचा देते हैं।
बैलॉन्ग एलिवेटर ने झांगजियाजी को विश्वस्तरीय पर्यटन स्थल बना दिया गया है। इससे पर्यटकों की आवाजाही आसान हो गया है और स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिल रहा है। यह लिफ्ट अब चीन की आधुनिक इंजीनियरिंग उपलब्धियों में गिना जा रहा है।
‘सौ ड्रैगनों की लिफ्ट’ सिर्फ एक प्रौद्योगिकी का नमूना नहीं है, बल्कि इस बात का भी प्रतीक है कि जब प्रकृति और तकनीक साथ चलें, तो अनुभव कितने चमत्कारी हो सकता हैं। यह लिफ्ट पर्यटकों को न केवल ऊंचाई की रोमांचक यात्रा कराता है, बल्कि उन्हें प्रकृति की सुंदरता और मानव की रचनात्मकता का अद्भुत संगम भी दिखाता है।