भारत सरकार ने 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान से सभी प्रकार के आयातों पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया है। इस हमले में 26 निर्दोष पर्यटकों की जान गई थी, जिनमें अधिकांश हिंदू तीर्थयात्री थे। आतंकी संगठन 'द रेजिस्टेंस फ्रंट' ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है, जिसे भारत ने पाकिस्तान समर्थित बताया है।
विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, विदेश व्यापार नीति 2023 में एक नया प्रावधान जोड़ा गया है, जिसके तहत पाकिस्तान से सीधे या परोक्ष रूप से किसी भी प्रकार का आयात या ट्रांजिट पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया गया है। यह प्रतिबंध राष्ट्रीय सुरक्षा और जनहित को ध्यान में रखते हुए लगाया गया है।
इसके अलावा, भारत ने पाकिस्तानी झंडे वाले जहाजों के भारतीय बंदरगाहों में प्रवेश पर भी रोक लगा दी है। भारतीय जहाजों को भी पाकिस्तान के बंदरगाहों पर जाने से मना किया गया है। यह कदम भारतीय संपत्तियों, माल और संबंधित अवसंरचना की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।
इससे पहले, भारत ने पाकिस्तान के साथ वाघा-अटारी सीमा पर स्थित एकीकृत चेक पोस्ट को बंद कर दिया था, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापारिक गतिविधियाँ पहले ही प्रभावित हो चुकी थीं। अब इस नए प्रतिबंध से पाकिस्तान से किसी भी माध्यम से भारत में माल का प्रवेश पूरी तरह से बंद हो गया है।
इस निर्णय के बाद, भारत और पाकिस्तान के बीच पहले से तनावपूर्ण संबंधों में और गिरावट आई है। पाकिस्तान ने भी जवाबी कार्रवाई करते हुए भारत के साथ सीमा व्यापार को रोक दिया है, अपने हवाई क्षेत्र को भारतीय विमानों के लिए बंद कर दिया है और भारतीय राजनयिकों को निष्कासित कर दिया है। इसके अलावा, पाकिस्तान ने चेतावनी दी है कि सिंधु जल संधि के तहत नदी जल प्रवाह को बाधित करना युद्ध की कार्रवाई मानी जाएगी।
यह घटनाक्रम दोनों परमाणु संपन्न पड़ोसी देशों के बीच संबंधों में एक महत्वपूर्ण मोड़ है, जो पहले से ही कई वर्षों से तनावपूर्ण हैं। भारत के इस कड़े कदम से यह स्पष्ट संदेश गया है कि वह अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा और नागरिकों की सुरक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकता है।