हाल ही में सोशल मीडिया पर एक दावा तेजी से वायरल हुआ, जिसमें कहा गया कि पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को जेल में यौन उत्पीड़न का शिकार बनाया गया है। इस दावे के समर्थन में एक कथित मेडिकल रिपोर्ट भी साझा की गई, जो रावलपिंडी के पाक एमिरेट्स मिलिट्री हॉस्पिटल (PEMH) की बताई गई। हालांकि, इस रिपोर्ट की विश्वसनीयता पर गंभीर सवाल उठे हैं।
क्या है वायरल रिपोर्ट में?
वायरल रिपोर्ट में "इमरान अहमद खान नियाज़ी" नामक मरीज का उल्लेख है, जिसमें यौन उत्पीड़न के संकेत देने वाली चोटों का वर्णन किया गया है। हालांकि, इस रिपोर्ट की तारीख 3 मई 2025 है, जबकि इसे 2 मई को ही सोशल मीडिया पर साझा किया गया था, जो इसकी प्रामाणिकता पर संदेह उत्पन्न करता है।
आधिकारिक प्रतिक्रियाएं और तथ्य-जांच
पाकिस्तानी अधिकारियों और तथ्य-जांच संगठनों ने इस रिपोर्ट को फर्जी करार दिया है। उनके अनुसार, इमरान खान की मेडिकल जांच इस्लामाबाद के पाकिस्तान इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (PIMS) में हुई थी, न कि PEMH में, जैसा कि वायरल रिपोर्ट में दावा किया गया है।
इसके अलावा, एक अन्य फर्जी दस्तावेज़ भी सामने आया है, जिसमें दावा किया गया है कि इमरान खान ने जेल में यौन उत्पीड़न से बचने के लिए सरकार के साथ एक समझौता किया है। इस दस्तावेज़ को भी तथ्य-जांचकर्ताओं ने निराधार और फर्जी बताया है।
वर्तमान में, इमरान खान के जेल में यौन उत्पीड़न के दावे के समर्थन में कोई विश्वसनीय प्रमाण नहीं है। वायरल हो रही रिपोर्ट और दस्तावेज़ फर्जी पाए गए हैं। ऐसे संवेदनशील मामलों में बिना पुष्टि के जानकारी साझा करना न केवल गलत है, बल्कि यह समाज में भ्रम और तनाव भी उत्पन्न कर सकता है।
इसलिए, किसी भी जानकारी को साझा करने से पहले उसकी सत्यता की जांच करना आवश्यक है। विश्वसनीय स्रोतों से प्राप्त जानकारी पर ही विश्वास करें और अफवाहों से बचें।