बिहार सरकार ने राज्य में सिंचाई और बाढ़ से बचाव के लिए ‘बिहार जल सुरक्षा एवं सिंचाई आधुनिकीकरण परियोजना’ (BWSIMP) नाम की एक बड़ी योजना को मंजूरी दी है। इसकी कुल लागत 4415 करोड़ रुपये है। इसमें से 1324.50 करोड़ रुपये राज्य सरकार देगी और 3090.50 करोड़ रुपये का लोन विश्व बैंक से लिया जाएगा।
इस योजना का मकसद क्या है?
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किसानों को बेहतर सिंचाई सुविधा देना
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बाढ़ से होने वाले नुकसान को कम करना
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सूखे से प्रभावित इलाकों में पानी पहुंचाना
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नदियों के किनारे तटबंधों को मजबूत करना
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पुराने नहरों और बैराजों की मरम्मत करना
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जल प्रबंधन के लिए संस्थाओं को मजबूत बनाना
कहाँ लागू होगी यह योजना?
यह योजना पूरे बिहार में लागू होगी, लेकिन उन जिलों को प्राथमिकता दी जाएगी जो हर साल बाढ़, जलजमाव या सूखे से ज्यादा प्रभावित होते हैं।
कितने समय में पूरी होगी?
यह परियोजना 2025-26 से शुरू होकर 7 साल में पूरी होगी।
किन-किन विभागों की भूमिका होगी?
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जल संसाधन विभाग (मुख्य जिम्मेदारी)
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कृषि विभाग
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ग्रामीण विकास विभाग
ये सभी मिलकर योजना को जमीन पर लागू करेंगे।
योजना के चार मुख्य हिस्से
सिंचाई सुधार: ₹2487 करोड़
बाढ़ नियंत्रण: ₹1525 करोड़
जल शासन: ₹243 करोड़
परियोजना प्रबंधन: ₹160 करोड़
क्या-क्या काम होंगे?
सिंचाई से जुड़े काम
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सोन, गंडक और कोसी बैराजों की मरम्मत
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सोन वेस्टर्न मेन कैनाल का आधुनिकीकरण
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झंझारपुर ब्रांच कैनाल की मरम्मत
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सारण मेन कैनाल की लाइनिंग (17-35 किमी)
बाढ़ से सुरक्षा के काम
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बागमती नदी के बांए तटबंध को ऊँचा और मजबूत बनाना
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कटिहार जिले में कोसी नदी के किनारे कटाव रोकने का काम
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सिकरहट्टा-मंझरी बांध और उसके स्परों की मरम्मत
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कोसी तटबंध के 25 स्परों का नवीनीकरण
किसानों और आम लोगों को क्या फायदा होगा?
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किसानों को हर मौसम में सिंचाई की सुविधा मिलेगी
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फसल खराब होने का खतरा कम होगा
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बाढ़ आने पर कम नुकसान होगा
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रोजगार के मौके बढ़ेंगे
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गांवों में जल संकट घटेगा