भारत-पाकिस्तान युद्ध में चीन की रुचि थी। चीन का यह रुचि चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा यानि सीपेक भी है। यह चीन की महात्वाकांक्षी योजना बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव का हिस्सा है।
ग्वादर बंदरगाह को चीन के काशगर से जोड़ने वाली यह परियोजना पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) से भी होकर गुजरता है, जिसे भारत अपनी संप्रभुता का उल्लंघन मानता है।
इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह से चीन के काशगर तक एक बुनियादी ढांचा नेटवर्क बनाना तथा इस इलाके में चीन के कारोबारी और रणनीतिक हितों को बढ़ाना है।
चीन इस परियोजना में भारी निवेश किया है और इसके साथ ही पाकिस्तान को भी कर्ज के जाल में फंसा दिया है। इस कारण से पाकिस्तान एक तरह से चीन की कठपुतली बनकर रह गया है।
ऐसी स्थिति में, भारत - पाकिस्तान युद्ध बढ़ने की स्थिति में भारत और चीन के बीच टकराव होना तय माना जा रहा था।
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