जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच, ईरान ने मध्यस्थता की पहल की है। ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची सोमवार को इस्लामाबाद की एक दिवसीय यात्रा पर पहुंचे, जिसके बाद वह भारत की यात्रा करेंगे।
ईरान की मध्यस्थता की पहल
ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता एस्माइल बाघेई ने बताया कि अराघची की यह यात्रा क्षेत्रीय देशों के साथ ईरान की चल रही बातचीत के तहत हो रही है। इस यात्रा का उद्देश्य पाकिस्तान और भारत के बीच बढ़ते तनाव को कम करना और सुलह की संभावनाओं को तलाशना है।
पाकिस्तान में उच्चस्तरीय बैठकें
इस्लामाबाद में अराघची ने पाकिस्तानी विदेश मंत्री इशाक डार के साथ महत्वपूर्ण बैठक की। इस बैठक में पाकिस्तान और ईरान के बीच द्विपक्षीय संबंधों के साथ-साथ क्षेत्रीय स्थिति, विशेष रूप से हालिया भारत-पाकिस्तान तनाव पर चर्चा हुई।
भारत की प्रस्तावित यात्रा
ईरान के विदेश मंत्रालय ने पुष्टि की है कि अराघची इस सप्ताह के अंत में भारत की आधिकारिक यात्रा पर जाएंगे। यह यात्रा पहलगाम हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़े तनाव की पृष्ठभूमि में हो रही है।
क्षेत्रीय तनाव और अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाएं
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में 26 लोगों की हत्या के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है। भारत ने इस हमले के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया है, जबकि पाकिस्तान ने इन आरोपों से इनकार किया है और एक निष्पक्ष अंतरराष्ट्रीय जांच की पेशकश की है।
इस तनाव के बीच, रूस और अमेरिका जैसे प्रमुख अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी भी मध्यस्थता की पेशकश कर रहे हैं। रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने भारत और पाकिस्तान दोनों के विदेश मंत्रियों से बात की है और कश्मीर क्षेत्र में बढ़ते तनाव को कम करने के लिए राजनीतिक समाधान की आवश्यकता पर जोर दिया है।
ईरान की यह कूटनीतिक पहल भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को कम करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकती है। यदि यह पहल सफल होती है, तो यह क्षेत्रीय स्थिरता और शांति की दिशा में एक सकारात्मक संकेत होगा।