किराना हिल्स में परमाणु रिसाव

Jitendra Kumar Sinha
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पाकिस्तान के किराना हिल्स में संभावित परमाणु रिसाव को लेकर हाल ही में सोशल मीडिया पर अफवाहों का बाज़ार गर्म है। इस मामले में अमेरिकी विदेश विभाग ने स्पष्ट किया है कि उनके पास इस विषय पर कोई जानकारी साझा करने के लिए नहीं है। इस बयान से यह संकेत मिलता है कि अमेरिका ने इस मुद्दे पर कोई आधिकारिक कार्रवाई नहीं की है।


12 मई को भारतीय वायुसेना के एयर मार्शल ए.के. भारती ने प्रेस ब्रीफिंग में स्पष्ट किया कि भारत ने किराना हिल्स पर कोई हमला नहीं किया है। उन्होंने हल्के-फुल्के अंदाज़ में कहा, "हमें यह बताने के लिए धन्यवाद कि किराना हिल्स में परमाणु प्रतिष्ठान हैं। हमें इसकी जानकारी नहीं थी।" इस बयान ने सोशल मीडिया पर और अधिक अटकलों को जन्म दिया।


फ्लाइट ट्रैकिंग वेबसाइट्स ने कथित रूप से पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र में एक अमेरिकी बी350 एरियल मेजरिंग सिस्टम (AMS) विमान को ट्रैक किया है, जो रेडियोधर्मी रिसाव की जांच के लिए प्रयोग होता है। हालांकि, यह भी संभावना है कि यह विमान पाकिस्तान का हो, जिसे अमेरिका ने पहले प्रदान किया था।


भारत के ऑपरेशन सिंदूर के तहत सरगोधा और नूर खान एयरबेस पर सटीक हवाई हमले किए गए थे। ये दोनों स्थल पाकिस्तान के परमाणु बुनियादी ढांचे के निकट स्थित हैं। हालांकि, भारत ने स्पष्ट किया है कि इन हमलों का उद्देश्य आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाना था, न कि परमाणु प्रतिष्ठानों को।


पाकिस्तान की ओर से अब तक किसी अंतरराष्ट्रीय एजेंसी से परमाणु रिसाव की जांच की आधिकारिक मांग नहीं की गई है। इससे संकेत मिलता है कि किराना हिल्स में परमाणु रिसाव की खबरें फिलहाल अफवाहें ही हैं।


इस पूरे प्रकरण से स्पष्ट है कि सोशल मीडिया पर फैल रही अफवाहों के बावजूद, आधिकारिक स्रोतों से कोई पुष्टि नहीं हुई है। ऐसे में, जब तक विश्वसनीय जानकारी सामने नहीं आती, तब तक इन अटकलों पर विश्वास करना उचित नहीं होगा।

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