बिहार में लोकतंत्र के इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ने जा रहा है। राजधानी पटना जिला के तीन नगर पंचायत- खुशरूपुर, नौबतपुर और बिक्रम में आगामी 28 जून को मतदान होगा, जिसमें पहली बार देश में किसी शहरी निकाय चुनाव में ई-वोटिंग प्रणाली (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग) का उपयोग किया जाएगा। इस ऐतिहासिक पहल के तहत मुख्य पार्षद, उप मुख्य पार्षद और पार्षद पदों के लिए वोट डाले जाएंगे। मतगणना 30 जून को होगी।
जिला प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद है। सोमवार को जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन एसएम ने तीनों नगर पंचायत क्षेत्रों में चुनावी तैयारियों का जायजा लिया। उन्होंने बताया कि मतदान प्रक्रिया को सुचारु और पारदर्शी बनाने के लिए 11 कोषांग (सेल) गठित किया गया हैं। सभी पदाधिकारियों को निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों के अनुसार तैयारी करने का निर्देश दिया गया है।
सबसे बड़ी बात यह है कि इस बार मतदान में पारंपरिक बैलेट या ईवीएम के साथ-साथ एक नई और आधुनिक प्रणाली - ई-वोटिंग को भी लागू किया गया है। ई-वोटिंग को विशेष रूप से उन मतदाताओं के लिए विकसित किया गया है जो वरिष्ठ नागरिक, दिव्यांगजन, गंभीर बीमारी से ग्रसित, गर्भवती महिलाएं, प्रवासी मतदाता अथवा अन्य कारणों से मतदान केंद्र तक नहीं पहुंच सकते हैं।
जिलाधिकारी ने इसे "ऐतिहासिक पहल" बताते हुए कहा है कि देश में यह पहला अवसर है जब नगरपालिका चुनाव में ई-वोटिंग प्रणाली लागू की जा रही है। उन्होंने अधिकारियों को इस नई प्रणाली के व्यापक प्रचार-प्रसार का निर्देश भी दिया है, ताकि eligible मतदाता इस सुविधा का अधिक से अधिक लाभ उठा सकें। साथ ही, यह भी कहा गया कि चूंकि चुनाव शहरी क्षेत्रों में हो रहा है, इसलिए मतदाता अधिकतर मोबाइल-फ्रेंडली हैं और ई-वोटिंग उनके लिए एक सहज अनुभव होगा।
मतदान केंद्रों पर भीड़ प्रबंधन और सुविधा सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा, पेयजल, चिकित्सा, रैंप, शौचालय आदि की व्यवस्था पर भी ध्यान दिया जा रहा है। दिव्यांगों और बुजुर्गों के लिए व्हीलचेयर और स्वयंसेवकों को तैनात किया जाएगा।
पटना की तीन नगर पंचायतों में होने वाला यह चुनाव न केवल स्थानीय निकाय के प्रतिनिधियों के चयन का अवसर है, बल्कि यह भारत के लोकतांत्रिक व तकनीकी विकास का प्रतीक भी बन गया है। अगर यह प्रयोग सफल रहा तो भविष्य में अन्य राज्यों और चुनावों में भी ई-वोटिंग का दायरा बढ़ सकता है।