श्रावण मास की शुरुआत से पहले ही प्रयागराज के ऐतिहासिक मनकामेश्वर मंदिर में एक नया नियम लागू कर दिया गया है। इस बार श्रद्धालुओं को मंदिर में प्रवेश के लिए विशेष ड्रेस कोड का पालन करना होगा। मंदिर प्रशासन ने यह कदम धार्मिक अनुशासन और परंपरा की गरिमा बनाए रखने के उद्देश्य से उठाया है।
श्रावण मास, जो भगवान शिव की आराधना के लिए सबसे पवित्र महीनों में से एक है, इस वर्ष 11 जुलाई से श्रावण शुरू हो रहा है। इसी के मद्देनजर मनकामेश्वर मंदिर में विशेष तैयारियाँ की गई हैं। मंदिर के मुख्य पुजारी श्रीधरानंद महाराज ने स्पष्ट किया है कि श्रद्धालु अब जींस, टी-शर्ट, टाइट कपड़े या पश्चिमी परिधान पहनकर मंदिर में प्रवेश नहीं कर सकेंगे।
मंदिर प्रशासन ने विशेष रूप से उन श्रद्धालुओं के लिए नियम बनाया हैं जो रुद्राभिषेक या अन्य विशेष पूजन में भाग लेना चाहते हैं। पुरुषों को धोती और ऊपर अंगवस्त्र पहनना अनिवार्य किया गया है। महिलाओं के लिए साड़ी या सलवार-कुर्ता (दुपट्टे के साथ) पहनना जरूरी होगा। इस नियम का पालन सभी को अनिवार्य रूप से करना होगा, अन्यथा मंदिर में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी।
पुजारी श्रीधरानंद महाराज के अनुसार, “मंदिर कोई पर्यटन स्थल नहीं है, बल्कि आस्था का स्थान है। यहां परंपरा, शुद्धता और मर्यादा सर्वोपरि है। आजकल कई श्रद्धालु ऐसे परिधान पहनकर आते हैं जो मंदिर की गरिमा के अनुकूल नहीं होता है। ऐसे में ड्रेस कोड से अनुशासन भी बना रहेगा और सनातन संस्कृति का भी सम्मान होगा।”
कुछ श्रद्धालुओं ने इस निर्णय का स्वागत करते हुए कहा है कि यह कदम भारतीय संस्कृति को संजोने की दिशा में एक आवश्यक प्रयास है। हालांकि कुछ युवाओं ने इसे पुरातनपंथी सोच बताते हुए असहमति भी जताई है। मगर अधिकांश लोगों का मानना है कि मंदिरों में ड्रेस कोड लागू करने से वातावरण अधिक पवित्र और अनुशासित बनेगा।
यह पहला मौका नहीं है जब किसी मंदिर में ड्रेस कोड लागू किया गया है। तिरुपति बालाजी, मीनाक्षी मंदिर (मदुरै), और पद्मनाभस्वामी मंदिर (केरल) जैसे प्रमुख मंदिरों में पहले से ही ऐसे नियम लागू हैं। मनकामेश्वर मंदिर भी अब इस सूची में शामिल हो गया है।