स्वीडन के ‘टिम्बर ट्विस्ट’ - प्रकृति और कला का खूबसूरत मेल

Jitendra Kumar Sinha
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स्वीडन के विर्सरम कॉन्स्टहॉल कला संग्रहालय में स्थापित ‘टिम्बर ट्विस्ट’ ने आने वाले दर्शकों का ध्यान अपनी ओर खींच लिया है। यह एक ऐसी स्थापत्य-कला कृति है, जो लकड़ी की सर्पिलाकार संरचना और जीव-जगत से मिली प्रेरणा द्वारा बेहद भावपूर्ण अनुभव प्रदान करती है। उल्फ मेजेग्रेन आर्किटेक्ट्स (UMA) और 3 एस्पेरोड आर्ट टीम के ट्रैविस चाइल्ड द्वारा रचित यह निर्माण ‘ट्रैकक्राफ्ट (वुड पावर)’ प्रदर्शनी का हिस्सा है।

टिम्बर ट्विस्ट की रचना की मूल प्रेरणा बागवार्म मोथ (Bagworm Moth) के लार्वा से ली गई है। ये लार्वा विभिन्न छोटी-छोटी टहनियाँ, काई (मॉस), बजरी और सिल्क का उपयोग कर अपने लिए सुरक्षात्मक आश्रय बनाता हैं। हर लार्वा अपने आसपास उपलब्ध सामग्रियों को जंघाओं की तरह जोड़कर एक छोटे-से घर का निर्माण करता है, जिसमें वह अपने जीवन का अधिकांश समय व्यतीत करता है। इस आश्रय में रहते हुए उसकी सुरक्षा सुनिश्चित होता है, लेकिन साथ ही, उसकी गतिशीलता कुछ सीमित भी हो जाता है। टिम्बर ट्विस्ट इस प्रकृति के चक्र और संरक्षण के विचार को एक भव्य सर्पिलाकार रूप में सामने लाता है।

‘टिम्बर ट्विस्ट’ की संरचना एक विशाल सर्पिल के रूप में बनी है, जो भूमि से उठकर ऊपर की ओर मुड़ती है। इस सर्पिलाकार डिजाइन में मुख्यतः स्थानीय रूप से उपलब्ध विभिन्न प्रजातियों की लकड़ी का प्रयोग हुआ है। प्रत्येक लकड़ी की अंगुली–अंगूठे की तरह एक-दूसरे में फिट होता चला जाता है, जिससे एक निरंतर और प्रवाही लकीर बनता है। संरचना में स्थानीय जंगलों से प्राप्त सौरक्षित और टिकाऊ लकड़ी का उपयोग किया गया है। UMA की टीम ने 3D मॉडल और फिजिकल प्रोटोटाइप के माध्यम से सर्पिल की सही ज्यामिति सुनिश्चित किया है। हर कण को हाथ से काटा और जोड़ा गया है, ताकि प्राकृतिक बनावट बरकरार रहे। लकड़ी पर कोई भारी पॉलिश नहीं किया गया है, ताकि उसका कच्चापन और प्राकृतिक सौंदर्य दोनों ही जीवंत रहें।

टिम्बर ट्विस्ट न केवल एक स्थापत्य चमत्कार है, बल्कि यह कला के भाव को भी मुखर रूप से सामने लाता है। सर्पिल के बीच से गुजरते समय लोग ऊपर-नीचे के नजारों का आनंद लेते हैं। लकड़ी की सुगंध, हल्की-सी खुरदराहट और प्रकाश का नर्तन, यह सभी बातें देखने और छूने के अनुभव को मनमोहक बना देता हैं। जब प्राकृतिक प्रकाश सर्पिल के अंतराल से होकर गुजरता है, तो लकड़ी की आकृतियाँ विभिन्न रूप ले लेती हैं। इससे हर पल की अनुभूति बदलता रहता है, जैसे प्रकृति स्वयं प्रत्यक्ष हो उठा हो।

‘टिम्बर ट्विस्ट’ एक साधारण कला-स्थापत्य ही नहीं, बल्कि प्रकृति और मानव चेतना का प्रतिबिंब है। यह हमें याद दिलाता है कि जहाँ प्रकृति हमें संरक्षण देती है, वहीं हमें उसकी रक्षा और सम्मान करना चाहिए। विर्सरम कॉन्स्टहॉल में आने वाला हर दर्शक इस सर्पिलाकार कृति में कदम रखते ही उस गहरे संवाद का हिस्सा बन जाता है, जो प्रकृति और मानव जीवन के बीच सदियों से चलता आ रहा है। यह अनुभव न केवल आँखों को तृप्त करता है, बल्कि मन में भी गूंज उठने वाला एक शांतिपूर्ण संदेश छोड़ जाता है। 



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