राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने बिहार की राजनीति में बड़ा बदलाव करते हुए प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह को हटाकर मंगनीलाल मंडल को यह जिम्मेदारी सौंपने का मन बना लिया है। इस फैसले को लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव की 2025 विधानसभा चुनावों से पहले की रणनीति के रूप में देखा जा रहा है।
मंगनीलाल मंडल, जो पहले जेडीयू में थे और हाल ही में RJD में लौटे हैं, अति पिछड़ा वर्ग (OBC) से आते हैं। उनका चयन RJD के जातीय समीकरण को और मजबूत करने की दिशा में उठाया गया कदम माना जा रहा है। जगदानंद सिंह राजपूत समुदाय से आते थे, और लंबे समय से पार्टी के संगठनात्मक चेहरे बने हुए थे, लेकिन अब RJD का फोकस OBC, दलित और मुस्लिम मतदाताओं को साधने पर है। यही कारण है कि मंगनीलाल मंडल को यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी जा रही है।
सूत्रों के अनुसार, 14 जून से नामांकन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और 19 जून को पटना के ज्ञान भवन में चुनाव के बाद परिणाम घोषित किया जाएगा। हालांकि यह चुनाव एक औपचारिक प्रक्रिया भर ही माना जा रहा है क्योंकि पार्टी आलाकमान ने पहले ही तय कर लिया है कि मंगनीलाल मंडल ही अगले प्रदेश अध्यक्ष होंगे।
मंगनीलाल मंडल का राजनीतिक अनुभव भी पार्टी के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। वे पूर्व में लोकसभा और राज्यसभा दोनों में सांसद रह चुके हैं और राज्य मंत्री का भी कार्यभार संभाल चुके हैं। उनकी प्रशासनिक और संगठनात्मक पकड़ को देखते हुए उन्हें यह जिम्मेदारी सौंपी जा रही है।
लालू यादव और तेजस्वी यादव की यह रणनीति साफ संकेत देती है कि आने वाले चुनावों में RJD सामाजिक न्याय और बड़े वोट बैंक पर केंद्रित होकर आगे बढ़ना चाहती है। मंगनीलाल मंडल के नेतृत्व में पार्टी को नए सिरे से जमीन पर संगठित किया जाएगा और पिछड़े तबकों के बीच पार्टी की पकड़ मजबूत की जाएगी।
RJD में यह बदलाव केवल एक संगठनात्मक फेरबदल नहीं, बल्कि चुनाव से पहले की राजनीतिक बिसात का अहम हिस्सा है।