बिहार खेल के क्षेत्र में एक नया इतिहास रचने जा रहा है। जल्द ही राजगीर को अंतरराष्ट्रीय स्तर के क्रिकेट स्टेडियम की सौगात मिलने वाला है। यह न केवल राज्य के खिलाड़ियों को बेहतर मंच देगा, बल्कि पूरे देश में बिहार को खेल की दृष्टि से नई पहचान भी दिलाएगा। राजगीर में बन रहा स्टेडियम निर्माण के अंतिम चरणों में है और आधुनिकता एवं परंपरा का अद्भुत संगम होगा।
राजगीर का यह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम 72,843 वर्गमीटर क्षेत्रफल में फैला हुआ है, जिसमें दर्शक क्षमता लगभग 40,000 होगी। इसका डिजाइन पूरी तरह से अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार तैयार किया गया है। पिच निर्माण में विशेष मिट्टी का उपयोग किया जा रहा है, मोकामा की काली मिट्टी और पुणे की लाल मिट्टी, जिससे गेंदबाजों को बाउंस और बल्लेबाजों को रन बनाने में मदद मिलेगी।
स्टेडियम में कुल 13 पिच तैयार किया जा रहा है, जिसमें से 7 पिच मोकामा की चिकनी मिट्टी से और 6 पिच पुणे की लाल मिट्टी से बनाया जा रहा है। पिचों पर लगाई जा रही घास खेल के रोमांच को और भी बढ़ा देगा।
स्टेडियम में चार पवेलियन बनाया जा रहा है, जिसमें से दो पवेलियन आम दर्शकों के लिए होगा, जबकि मुख्य पवेलियन दक्षिण दिशा में पांच मंजिला होगा। अन्य तीन पवेलियन दो मंजिला होगा। बारिश या किसी भी आपात स्थिति में मैदान को सुरक्षित रखने के लिए आधुनिक ड्रेनेज सिस्टम का भी व्यवस्था किया जा रहा है।
राजगीर पहले भी कई अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय खेल आयोजनों का सफल मेजबान रहा है, जिनमें प्रमुख हैं, वीमेंस एशियन हॉकी चैंपियनशिप, सेपक टाकरा वर्ल्ड कप, खेलो इंडिया यूथ गेम्स, नेशनल एथलेटिक्स मीट (जुलाई 2025), हीरो एशिया कप पुरुष हॉकी (अगस्त 2025)। इन आयोजनों की सफलता ने बिहार को वर्ष 2030 में होनेवाले नेशनल गेम्स की मजबूत दावेदारी के लिए योग्य बना दिया है।
राजगीर का यह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम न केवल एक भव्य संरचना होगा, बल्कि यह बिहार के युवाओं के लिए सपनों की पिच साबित होगा। इससे राज्य के खेलों को नई दिशा, नया प्रोत्साहन और अंतरराष्ट्रीय पहचान मिलेगा। बिहार अब केवल सांस्कृतिक और ऐतिहासिक भूमि नहीं, बल्कि खेलों का भी उभरता हुआ केंद्र बनने को तैयार है।
