तेज प्रताप यादव ने बिहार के हाजीपुर में एक बड़ी रैली कर सियासी हलकों में हलचल मचा दी है। रैली में सबसे ज्यादा चर्चा उनके वाहन पर लगे झंडे को लेकर रही, क्योंकि उस पर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) का पारंपरिक झंडा नहीं था। इससे साफ संकेत मिला कि वे अब पार्टी लाइन से अलग कुछ नया करने की तैयारी में हैं। तेज प्रताप ने मंच से एलान किया कि वे किसी के दबाव में नहीं हैं और जनता की इच्छा के मुताबिक ही आगे का रास्ता तय करेंगे। उन्होंने कहा कि अब लोग तय करेंगे कि वे किस पार्टी से चुनाव लड़ेंगे और कौन सी सीट से खड़े होंगे।
इस रैली को ‘जनता दरबार’ का नाम दिया गया था और इसमें तेज प्रताप ने खुद को सीधे जनता से जोड़ने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि महुआ विधानसभा में उन्होंने जो वादा किया था—मेडिकल कॉलेज खोलने का—वो पूरा किया है। अब उनका अगला लक्ष्य इंजीनियरिंग कॉलेज बनवाना है। उनके इस रुख से यह भी साफ हो गया कि वे महुआ से ही दोबारा चुनाव लड़ने की मंशा रखते हैं।
तेज प्रताप का यह रुख इसलिए भी अहम माना जा रहा है क्योंकि हाल ही में उन्होंने सोशल मीडिया पर एक तस्वीर साझा की थी, जिसमें वे अनुष्का यादव नाम की युवती के साथ नजर आ रहे थे और दावा किया था कि वे दोनों 12 साल से रिलेशनशिप में हैं। हालांकि, बाद में उन्होंने यह कहते हुए तस्वीर हटा दी कि उनका अकाउंट हैक हो गया था। इस पूरे घटनाक्रम के बाद राजद ने उन्हें पार्टी से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया।
इस रैली के बाद तेज प्रताप ने साफ कर दिया है कि वे अब अपनी राजनीतिक राह खुद तय करेंगे। चाहे वह नया झंडा हो या जनता के नाम पर लिया गया फैसला, सब कुछ इस ओर इशारा करता है कि वे अब परिवार की छांव से बाहर निकलकर अपनी सियासी पहचान बनाना चाहते हैं। वहीं दूसरी ओर, पार्टी में इस रुख को बगावत माना जा रहा है, क्योंकि तेज प्रताप का अंदाज न सिर्फ अलग है, बल्कि चुनौतीपूर्ण भी दिखता है। अब देखना होगा कि बिहार की राजनीति में यह ‘तेज’ कितनी दूर तक जाता है।
