तेज प्रताप यादव, जो हाल ही में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) से छह साल के लिए निष्कासित हो चुके हैं, ने बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में महुआ सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने की घोषणा की है। यह वही सीट है जहां से उन्होंने वर्ष 2015 में चुनाव जीतकर मंत्री पद की भूमिका निभाई थी। उन्होंने कहा कि महुआ ही उनका ‘land of action’ यानी राजनीतिक आधार है—‘टीम तेज प्रताप यादव’ नाम से अपनी नई राजनीतिक इकाई भी बनाई है।
तेज प्रताप ने प्रेस वार्ता में कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस बार वापस नहीं आएंगे, और अगर कोई सरकार युवाओं, रोजगार, शिक्षा और स्वास्थ्य पर ध्यान देगी, तो वे उसकी पूरी ताकत से समर्थन करेंगे। उन्होंने यह भी दावा किया कि विपक्षी दलों को अब पैर पटकना शुरू हो गया है क्योंकि उनके खिलाफ मैदान तैयार हो रहा है।
उन्होंने महुआ में किए गए कई विकास कार्यों का हवाला देते हुए कहा कि मेडिकल कॉलेज, सड़क और अस्पताल जैसी परियोजनाओं में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। पार्टी से निष्कासन के बाद उन्होंने RJD का झंडा खुद हटा दिया और ‘टीम तेज प्रताप यादव’ का झंडा अपनी गाड़ी पर चिपका दिया।
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, तेज प्रताप का यह कदम RJD के वोट बैंक—विशेषकर यादव-मुस्लिम मत विभाजन—पर सीधा असर डाल सकता है और महुआ सीट पर त्रिकोणीय मुकाबले की स्थिति बना सकता है।
हालांकि इससे पहले उन्होंने किसी दूसरी सीट जैसे हसनपुर पर भी ध्यान देने की बात की थी, लेकिन हालिया घटनाक्रम ने संकेत दिए हैं कि महुआ पर उनका पूरा फोकस रहेगा।
