पटना के भूतनाथ रोड स्थित महावीर नेत्रालय ने एक बार फिर नेत्र रोगियों के लिए उम्मीद की किरण जगाई है। महावीर मंदिर द्वारा संचालित इस नेत्रालय में मोतियाबिंद समेत आंखों की अन्य सर्जरी की सुविधाएं बहाल कर दी गई हैं। इससे उन मरीजों को बड़ी राहत मिली है, जो लंबे समय से कम खर्च में गुणवत्तापूर्ण नेत्र चिकित्सा की तलाश में थे।
सुविधा बहाली के बाद लखीसराय जिले के 53 वर्षीय विजय मंडल पहले मरीज बने, जिनकी फैको विधि से मोतियाबिंद की सर्जरी की गई। वरीय नेत्र सर्जन डॉ. विजय प्रकाश सिन्हा ने यह ऑपरेशन सफलतापूर्वक किया। फैको विधि को आधुनिक और सुरक्षित तकनीक माना जाता है, जिसमें छोटे चीरे के माध्यम से लेंस बदला जाता है और मरीज को जल्दी आराम मिल जाता है।
महावीर नेत्रालय की खासियत यह है कि यहां उच्च स्तरीय नेत्र जांच और सर्जरी की सुविधा अपेक्षाकृत कम खर्च में उपलब्ध है। निजी अस्पतालों में जहां नेत्र सर्जरी का खर्च कई मरीजों के लिए भारी पड़ सकता है, वहीं महावीर नेत्रालय में यह सेवा आमजन की पहुंच में है। यही कारण है कि ग्रामीण और दूरदराज के मरीज भी यहां आकर लाभ उठा रहे हैं।
यहां मोतियाबिंद के अलावा ग्लूकोमा, रेटिना रोग, कॉर्निया संबंधी समस्या और आंखों की चोट जैसे मामलों का भी इलाज किया जाता है। उन्नत जांच उपकरण, प्रशिक्षित चिकित्सा कर्मी और अनुभवी डॉक्टरों की टीम मरीजों को बेहतर इलाज मुहैया कराती है।
महावीर मंदिर ट्रस्ट लंबे समय से सामाजिक और स्वास्थ्य सेवाओं में योगदान देता रहा है। महावीर कैंसर संस्थान, महावीर आरोग्य मंदिर और अब महावीर नेत्रालय, इस मिशन का हिस्सा हैं। नेत्रालय की सुविधाएं फिर से शुरू होने से ट्रस्ट की जनसेवा की परंपरा को और मजबूती मिली है।
कई ऐसे मरीज होते हैं जो आर्थिक तंगी के कारण समय पर आंखों का इलाज नहीं करा पाते, जिससे उनकी दृष्टि स्थायी रूप से प्रभावित हो सकती है। महावीर नेत्रालय जैसी संस्था उनके लिए वरदान साबित होती है, क्योंकि यहां चिकित्सा सस्ती, सुरक्षित और गुणवत्तापूर्ण है।
महावीर नेत्रालय में सर्जरी सुविधा की बहाली न केवल मरीजों के लिए चिकित्सा का द्वार खोलती है, बल्कि यह संदेश भी देती है कि सामाजिक संस्थाएं आमजन के स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं। यह पहल कई आंखों में फिर से रोशनी लाने की दिशा में एक मजबूत कदम है।
